- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
नजफगढ़ से विधायक एवं पूर्व दिल्ली ट्रांसपोर्ट विधायक कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी ( आप ) का साथ छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करली है। बीजेपी मुख्यालय में उन्हें केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पार्टी सदस्यता दिलाई। इस मौके पर दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहें।
कैलाश गहलोत ने कहा, "मैंने कभी किसी के दवाब में कोई फैसला नहीं लिया। सीबीआई दवाब या किसी और वजह से ज्वाइन करने की बातें गलत हैं। ये एक दिन का फैसला नहीं था। अन्ना के आंदोलन के बाद हज़ारों लोग एक सोच के साथ जुड़ गए थे पर 'आप' के मान का पतन देखकर झटका लगा।"
उन्होंने साफ़ कहा, "आप' अब आम आदमी की नहीं, "ख़ास आदमी" की पार्टी बन चुकी है। जो वादे दिल्ली की जनता से किये गए थे, वो अधूरे हैं। यमुना को साफ़ करने का सपना अधूरा रहा और यमुना पहले से ज्यादा प्रदूषित हो गयी है। सरकार ने अपना ज़्यादा टाइम केंद्र से लड़ने में बर्बाद कर दिया, जिससे दिल्ली का विकास नहीं हो सका।"
आप छोड़ना आसान नहीं था
कैलाश गहलोत ने बताया की पार्टी से अलग होना उनके लिए आसान नहीं था। "जो हालत आप के अंदर हैं, उनसे आत्मविश्वा टूट चूका है। पीएम मोदी की नीतियों से प्रभावित हूँ और बीजेपी के साथ जुड़कर दिल्ली के विकास में हाथ बांटना चाहता हूँ," उन्होंने कहा।
क्या कहते हैं सूत्र?
आप के सूत्रों का कहना है की कैलाश गहलोत के खिलाफ ईडी और इनकम टैक्स के कई मामले चल रहे थे। इन छापों से बचने के लिए उन्होंने बीजेपी ज्वाइन किया। पार्टी का दावा है की बीजेपी ईडी और सीबीआई का गलत उपयोग करके चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है।
सीएम आतिशी ने संभाले गहलोत के विभाग
कैलाश गहलोत के इस्तीफा देने के बाद उनके सारे विभाग सीएम आतिशी को सौंप दिए गए हैं। सीएम ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को प्रस्ताव भेजकर विभाग तबादले की प्रक्रिया शुरू कर दिया है।
आप का जवाबी हमला
आप ने दावा किया है कि बीजेपी के कई बड़े नेता आज उनकी पार्टी ज्वाइन करेंगे। अरविन्द केजरीवाल दोपहर 2 बजे प्रेस कांफ्रेंस करके इसपर घोषणा करेंगे।
कैलाश गहलोत का बीजेपी ज्वाइन करना केवल राजनीतिक फैसला है या दवाब का परिणाम? ये सवाल अभी भी सवाल बना हुआ है। आगे की राजनीतिक खेल दिलचस्प होने वाला है।