Saturday, November 22, 2025

":Perfect" के खोज में 15 वर्ष गंवाने वाले युवक का भावनात्मक बयान “समझौते वाली ज़िंदगी मंज़ूर नहीं”


प्रायोगिकता और स्वार्थ के युग में संवेदना दम तोड़ चुकी !

आज के दौर में जहाँ संबंधों से ज़्यादा महत्व पैसों को दिया जा रहा है, वहीं एक युवक ने अपने दिल का दर्द सार्वजनिक रूप से व्यक्त करते हुए कहा है कि उसने अपने जीवन के 8 नहीं बल्कि पूरे 15 वर्ष एक ऐसी सच्चाई की तलाश में बिता दिए, जो अब इस दुनिया में शेष ही नहीं है।

युवक के अनुसार, “ईश्वर ने जो तय कर दिया, उसे स्वीकार करना ही पड़ेगा। इस समाज में अगर आप किसी की अपेक्षाओं के अनुसार नहीं ढलते, तो आपको तुरंत ‘घटिया’ और ‘बेकार’ करार दे दिया जाता है। आज के समय में इंसान का मूल्य उसके चरित्र से नहीं, बल्कि उसकी जेब में पड़े पैसों से आँका जाता है।”

युवक ने आगे कहा कि उसने वर्षों तक विश्वास, अपनापन और सच्चे रिश्ते खोजने में जीवन खपा दिया, लेकिन बदले में केवल दिखावा और लाभ आधारित संबंध ही मिले।

अंत में उसने क्षुब्ध होकर कहा 

“अगर यही जीवन है जिसमें भावनाओं की कोई कीमत नहीं, तो ऐसा जीवन स्वीकार नहीं! भीख में मिली इज्जत और समझौते में मिली मोहब्बत दोनों ठुकराता हूँ।”

समाजशास्त्रियों का मानना है कि यह बयान केवल एक व्यक्ति की पीड़ा नहीं बल्कि उस मानसिकता का प्रतिनिधित्व है, जिससे आज करोड़ों युवा गुजर रहे हैं।

Super Admin

Santosh Singh

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