- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
शरद पवार के हालिया बयान ने राजनीति जगत में हलचल मचा दी है। अपने बारामती दौरे पर पवार ने संकेत दिए कि वे जल्द ही सक्रिय राजनीति से संन्यास ले सकते हैं। पवार ने कहा, "मैं अब सत्ता में नहीं हूँ, राज्यसभा में हूँ और मेरा डेढ़ साल का कार्यकाल बचा है। इसके बाद मुझे विचार करना होगा कि आगे राज्यसभा जाना है या नहीं। लोकसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लूंगा। अब और कितने चुनाव लड़े जाएं? अब तक 14 चुनाव लड़ चुका हूँ। हर बार जनता ने मुझे चुना, लेकिन कहीं न कहीं ठहरना जरूरी है। नई पीढ़ी को मौका देने का समय आ गया है।"
भाजपा का 'इमोशनल कार्ड' वाला तंज
पवार के इस बयान पर भाजपा ने तीखा तंज कसते हुए इसे महज एक 'इमोशनल कार्ड' करार दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भी पवार ने ऐसा ही बयान दिया था। "यह उनकी पुरानी रणनीति है। चुनाव के वक्त ऐसे बयान देकर वे जनता की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं। लेकिन फिर चुनाव के बाद वो राजनीति में पूरी तरह सक्रिय नजर आते हैं," विजयवर्गीय ने कहा।
शिवसेना यूबीटी का पवार के समर्थन में बयान
दूसरी ओर, शिवसेना यूबीटी ने पवार का समर्थन करते हुए उनके राजनीति में दिए गए योगदान की सराहना की। शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कहा, "यह पहली बार नहीं है कि पवार साहब ने राजनीति से संन्यास की बात कही है। उनके समर्थक और चाहने वाले हमेशा उनसे संन्यास न लेने की गुजारिश करते हैं। देश में ऐसा कोई और नेता नहीं है, जिनके पास पवार साहब जैसा 60 साल का संसदीय अनुभव हो। वे सभी के लिए प्रेरणा रहेंगे।"
पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों की अटकलें तेज हो गई हैं। क्या यह वास्तव में एक संन्यास का संकेत है, या केवल एक चुनावी रणनीति? यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र की जनता और बाकी राजनीतिक पार्टियां इस बयान को किस तरह से लेती हैं।