- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की हलचल के बीच देशभर में 14 राज्यों की 48 विधानसभा और दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। हर पार्टी अपने चुनाव प्रचार में जुटी है, और इस बीच झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिन पर सबकी नजरें टिकी हैं। आइए जानते हैं कि झारखंड के चुनावी मैदान में क्या कुछ नया हो रहा है।
आजसू-भाजपा पर कांग्रेस प्रत्याशी अंबा का तीखा हमला
बड़कागांव से कांग्रेस प्रत्याशी अंबा प्रसाद ने भाजपा और आजसू की सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने पहली बार सत्ता में आकर जनता के लिए ठोस काम किया है। इससे पहले हमेशा आजसू-भाजपा की सरकार रही, लेकिन उन्होंने कभी विकास की परवाह नहीं की। उनकी नीतियों में सिर्फ जनता को बांटना और धर्म के नाम पर गुमराह करना शामिल था। अब लोग जागरूक हो गए हैं और जानते हैं कि यहां बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे की समस्याएं हल करनी जरूरी हैं। हम इन समस्याओं का समाधान करने में जुटे हैं, दिन-रात जनता के बीच काम कर रहे हैं।"
'बंटोगे तो कटोगे': सीएम योगी के बयान पर अंबा की प्रतिक्रिया
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटोगे तो कटोगे' बयान का जिक्र करते हुए अंबा ने कहा, "यह बात सही है, लेकिन यह बयान सिर्फ एक विशेष समुदाय के खिलाफ था, जो दिखाता है कि वो पहले से ही लोगों में विभाजन का बीज बो रहे हैं। हम भी एकता में विश्वास रखते हैं, लेकिन यह एकता सभी के लिए होनी चाहिए, न कि किसी एक धर्म के लिए।"
बांग्लादेशी का मुद्दा और चुनावी चालें
अंबा ने भाजपा द्वारा बांग्लादेशियों के मुद्दे को चुनावी हथकंडा बताते हुए कहा, "अगर हमारे क्षेत्र में एक भी बांग्लादेशी मिल जाए तो बताएं। भाजपा इस मुद्दे को फालतू में हवा दे रही है। वे यहां कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए उम्मीदवार उतारते हैं, ताकि वोटों का विभाजन हो सके। इस बार भी 12-13 उम्मीदवार खड़े किए गए हैं ताकि कांग्रेस के वोट काटे जा सकें, लेकिन जनता इस बार समझदार है और उन्हें न्याय की उम्मीद है।"
झारखंड के इन चुनावों में जहां एक ओर बुनियादी मुद्दों को हल करने की उम्मीद जताई जा रही है, वहीं दूसरी ओर धर्म और बाहरी मुद्दों के नाम पर राजनीति गर्माने की कोशिश हो रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जनता विकास के मुद्दों को प्राथमिकता देती है या धर्म और क्षेत्रीयता पर आधारित राजनीति को।