- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
हाल ही में बीजेपी छोड़ चुके बरहेट के पूर्व प्रत्याशी सिमोन मालतो ने आखिरकार अपनी सियासी नई पारी की शुरुआत की है। बुधवार को उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का हाथ थाम लिया, और उनके कई समर्थक भी इस सफर में उनके साथ शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के कांके रोड स्थित सीएम आवास में मालतो का गर्मजोशी से स्वागत किया और पार्टी का पट्टा पहनाया।
सिमोन मालतो का बयान: "भाजपा ने नहीं दिया मान-सम्मान"
झामुमो ज्वॉइन करने के बाद सिमोन मालतो ने भाजपा पर सीधा हमला बोला। उनका कहना है कि भाजपा ने उन्हें मान-सम्मान देने में हमेशा कमी रखी। उन्होंने कहा, "भरोसे का वादा किया, लेकिन नतीजा सिफर रहा।" सिमोन का मानना है कि झामुमो के साथ मिलकर वे अपने क्षेत्र और समुदाय के विकास के लिए ज्यादा मजबूती से काम कर पाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि झामुमो की अगली जीत हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पूरे इंडिया गठबंधन को मजबूत करेगी, और यह सरकार उनकी आवाज को सुनेगी और उनके लोगों के विकास में सहयोग करेगी
कौन हैं सिमोन मालतो?
सिमोन मालतो झारखंड के बरहेट विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। सुंदरपहाड़ी प्रखंड के बांसजोड़ी पंचायत के खेरीबारी गांव के निवासी सिमोन की पहचान एक सशक्त पहाड़िया नेता के रूप में की जाती है। अपनी जबरदस्त पकड़ के कारण वे अपने समुदाय के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, और उनके झामुमो में शामिल होने से पार्टी को पहाड़िया समुदाय में एक बड़ा समर्थन मिलने की उम्मीद है।
राजनीतिक सफर: कई पार्टियों से चुनाव लड़ चुके हैं
सिमोन मालतो का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। वे 2004 और 2019 में बीजेपी के टिकट पर बरहेट विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 में उन्होंने जेवीएम से चुनाव लड़ा, जबकि 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमाई। इतना ही नहीं, 1995 में वे बोरियो विधानसभा क्षेत्र से भी निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। बरहेट सीट पर उनके गहरे जुड़ाव को देखते हुए झामुमो को उनके अनुभव से फायदा मिलने की संभावना है।
इस बार भाजपा ने बरहेट से गमालियल हेंब्रम को चुनावी मैदान में उतारा है, लेकिन सिमोन मालतो के झामुमो से जुड़ने से इस क्षेत्र में चुनावी माहौल में एक नई सियासी रंगत आने की संभावना है।