Sunday, July 6, 2025

राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी की मांग जल संचय गबरा को अतिक्रमण से मुक्त कर प्रशासन से मूल स्वरूप बहाल करने की अपील !


राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी की मांग जल संचय गबरा को अतिक्रमण से मुक्त कर प्रशासन से मूल स्वरूप बहाल करने की अपील

 

 

ग्राम नसरतपुर, थाना संदेश, जिला भोजपुर, थाना-नंबर 187 में बिहार सरकार के जमीन सर्वे-खाता न० 566 , प्लॉट/खेसरा नंo 2035 एवं 2039 रकबा लगभग 50 डिसमिल, जल संचय को दबंगों द्वारा किया जा रहा है कब्जा

 

एक तरफ भूगर्भ जल का स्तर में जहां लगातार गिरावट देखे को मिल रहा है वहीं कुछ प्रभावशाली दबंगों के द्वारा खुले आम जल संचय गबरा जो कि भूजल को रिचार्ज करने का काम करता है उसे JCB और ट्रैक्टर लगा कर पटने का काम कर रहे है और प्रशाशन मूक दर्शक बन हुआ है।

 जल संचय गबरा को अतिक्रमण से मुक्त करने की मांग तेज, प्रशासन से मूल स्वरूप बहाल करने की अपील !

 "जल ही जीवन है"—लेकिन जब जल के स्रोत ही संकट में जाएं, तो जीवन भी खतरे में पड़ जाता है। ग्राम नसरतपुर  में स्थित ऐतिहासिक जल संचय गबरा पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण और कब्जा किए जाने की खबरें सामने रही हैं। राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस महत्वपूर्ण जल स्रोत को तत्काल अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए और इसे इसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाए। हमारी टीम ने इस मुद्दे पर पड़ताल की। आइए देखते हैं ग्राउंड रिपोर्ट।

 ग्राम नसरतपुर स्थित जल संचय गबरा, एक ऐसा जलाशय जो वर्षों से भूगर्भ जल रिचार्ज का स्रोत रहा है और पर्यावरण संतुलन में अहम भूमिका निभाता आया है। लेकिन आज इसकी स्थिति चिंताजनक है। दबंगों ने इस पर कब्जा कर लिया है, जिससे जल संरक्षण को भारी नुकसान हो रहा है।

 

स्थानीय ग्रामीणों की मांग :

"पहले यहाँ साफ पानी भरा रहता था, लेकिन अब धीरे-धीरे इसे पाटकर कब्जा किया जा रहा है। प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।"

गौरतलब है कि यह जल संचय क्षेत्र सिर्फ स्थानीय निवासियों के लिए ही नहीं, बल्कि आसपास के पर्यावरण के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलाशय के अतिक्रमण से केवल जल संकट बढ़ेगा, बल्कि इसका असर भूजल स्तर पर भी पड़ेगा।

 

राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी  ने भी उठाईआवाज  !

 

इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी  ने भी आवाज उठाई है। उनकी मांग है कि प्रशासन त्वरित कार्रवाई करे और जल संचय गबरा को अतिक्रमण मुक्त कर पुनः जल संरक्षण के लिए विकसित करे।

"अगर इसे संरक्षित नहीं किया गया, तो इलाके का भूजल स्तर गिर जाएगा। हमें इसे पुनः मूल स्वरूप में बहाल करना ही होगा।"

 

राजपा अध्यक्ष उपेन्द्र सहनी ने कहा :

"हम चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन इस पर संज्ञान लें और जल्द से जल्द जलाशय को पुनर्जीवित करें। हम इसके लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।"

 

राजपा उपाध्यक्ष संतोष सिंह का बयान:

"जल संचय गबरा पर्यावरण संतुलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार को इसके संरक्षण पर गंभीरता पूर्वक ध्यान देना चाहिए।"

श्री सिंह ने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए सरकार से ठोस नीति और प्रभावी कदम उठाने की अपील की।

 

राजपा अध्यक्ष ST/SC प्रकोष्ठ व अधिवक्ता श्रवण पासवान का बयान:

 

"पर्यावरण संरक्षा और जल संरक्षण जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार को विशेष प्रयास करने चाहिए।"

श्री पासवान ने सतत विकास के लिए जल और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने की जरूरत बताई और सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की।

 "जल संचय गबरा" केवल एक जलाशय नहीं, बल्कि जल-परंपरा और पर्यावरण संतुलन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इसे अतिक्रमण से मुक्त कर पाएगा? क्या स्थानीय लोग इसे बचाने के लिए आगे आएंगे? जवाब आने वाले समय में मिलेगा।

 

जल संचय गबरा पुनर्बहाली की मांग, प्रशासन को अल्टीमेटम :

 

राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र साहनी, उपाध्यक्ष संतोष सिंह एवं ST/SC प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रवण पासवान ने जल संचय गबरा के मूल स्वरूप की बहाली की मांग को लेकर प्रशासन को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि दोषियों पर अविलंब विधिसम्मत कार्रवाई नहीं की गई और जल संचय को पुनः बहाल नहीं किया गया, तो पार्टी माननीय राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगी।

 

जल संरक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। हमें सिर्फ प्रशासन पर निर्भर रहना चाहिए, बल्कि खुद भी ऐसे जल स्रोतों को बचाने के लिए आगे आना होगा। इस खबर पर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

Super Admin

Santosh Singh

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