- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
आज से शुरू हुए लोक आस्था के महापर्व छठ ने पूरे बिहार को छठमय कर दिया है। शहरों और गांवों की गलियों से लेकर चौक-चौराहों तक छठी मईया के भक्ति गीत गूंज रहे हैं। इस आस्था के पर्व का असर जेलों में भी देखने को मिल रहा है, जहां कई कैदी श्रद्धा के साथ सूर्योपासना के व्रत कर रहे हैं। जेल प्रशासन ने इस अवसर पर विशेष तैयारी की है, जिससे कैदियों को पूजा की सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
पटना की बेउर जेल में 70 कैदी, जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं, छठ पूजा कर रहे हैं। जेल प्रशासन ने सभी छठ व्रतियों के लिए पूजन सामग्री उपलब्ध कराई है। मंगलवार को व्रत के पहले दिन 'नहाय-खाय' पर सभी कैदियों को कद्दू-चावल का प्रसाद दिया जाएगा। खरना के दिन भी उन्हें प्रसाद मिलेगा। जेल अधीक्षक विधु कुमार ने बताया कि इस वर्ष बेउर जेल में छठ पूजा के लिए सफाई की गई है और व्रत करने वाले बंदियों को हर संभव सहायता प्रदान की गई है।
भागलपुर जेल में मुस्लिम कैदी भी व्रत में शामिल
भागलपुर जिले की जेलों में भी छठ के गीतों की गूंज है, जहां 50 कैदी इस पर्व का हिस्सा बन रहे हैं। शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय जेल में 25 पुरुष, महिला मंडल कारा में 15 और विशेष केंद्रीय कारा में 10 बंदी छठ पर्व मना रहे हैं। इस अवसर पर एक मुस्लिम कैदी भी उपवास रखकर इस पर्व में भाग ले रहा है। जेल के तालाब की सफाई भी कराई गई है, जहां व्रती गुरुवार को अस्ताचलगामी और शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देंगे।
मुजफ्फरपुर में भी छठ पर्व की धूम
मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में भी इस बार बड़ी संख्या में कैदी छठ व्रत की तैयारी कर रहे हैं। यहां 49 पुरुषों के साथ 47 महिलाएं इस पर्व को श्रद्धा पूर्वक मना रही हैं। इनमें हिंदू कैदियों के साथ तीन मुस्लिम और एक सिख कैदी भी शामिल हैं।
चार दिनों का यह महापर्व
छठ पर्व चार दिनों तक मनाया जाएगा। इस वर्ष व्रति मंगलवार को 'नहाय-खाय' से व्रत की शुरुआत करेंगे, बुधवार को 'खरना' किया जाएगा, और गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को तथा शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रति अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' करेंगे।
इस प्रकार, बिहार की जेलों में भी छठ पर्व की आस्था और एकता का यह अनोखा उदाहरण देखने को मिल रहा है, जो सभी धर्मों के बीच सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा दे रहा है।