- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र अपने तीसरे दिन पर है और राजनीतिक घमासान अपने चरम पर है। विपक्ष के नेता, तेजश्वी यादव, सुबह ही बिहार विधानसभा पहुँच गए और जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष ने नीतीश सरकार पर सवालों की बरसात कर दी। आज का दिन खास होने वाला है क्यूंकि सदन में दो महत्वपूर्ण बिल पेश होंगे और विधायकों के वेतन और भत्ते को लेकर चर्चा होगी।
लेकिन सदन की कार्यवाही के शुरू होने से पहले ही बाहर का मैदान एक राजनीतिक रंगमंच बन गया। राजद के विधायक आँखों पर 'काली पट्टी बांधकर' सदन में प्रवेश लेते दिखे। हाथों में तख्ती और जज़्बात से भरपूर नारजगी के साथ, विपक्ष ने अपने मुद्दे जोर से और स्पष्ट किये।
एक तख्ती पर लिखा था:
"मैं सुशसन बाबू हूँ, मैं अँधा हो गया हूँ, मुझे कुछ नहीं दिख रहा है।"
वहीँ दुसरी तख्ती के शब्दों ने और ध्यान खींच लिया:
"शराब नहीं किताब दो, मदिरालय नहीं पुष्तकालय दो"
इस आंदोलन को और प्रभावपूर्ण बनाने तख्ती पर सीएम नीतीश कुमार का कार्टून भी बनाया गया था।
बवाल और भरोसा: विपक्ष के सवाल
राजद के विधायकों ने साफ़ कर दिया की उनका मकसद सिर्फ सत्ता के खिलाफ बोलना नहीं बल्कि बिहार के जमीनी मुद्दों को उठाने का है। मुकेश रोशन, एक राजद विधायक ने कहा, "बिहार में अफसरशाही का राज है। हर तरफ लूट और अपराध का बोलबाला है। जनप्रतिनिधि भी अब सुरक्षित नहीं है। स्कूल और लिब्रेरियों के बजाये शराब का व्यपार चल रहा है। यह कैसा सुशासन है ?"
तेजश्वी यादव ने भी कल "आरक्षण" के मुद्दे पर नितीश सरकार को घेरा था और आज भी विपक्ष के तेवर वहीं हैं- आक्रमण मोड चालू
आज क्या होगा ?
आज सदन में दो बड़े बिल पेश होने हैं और विधायकों के वेतन और भत्ते के नए नियम पर चर्चा अपेक्षित है। लेकिन अब सबकी नजरें इस बात पर हैं की विपक्ष का यह आंदोलन सदन के अंदर क्या रंग दिखाता है।
बिहार विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र सिर्फ कानूनी चर्चा नहीं, एक राजनीतिक महा-युद्ध बन गया है। नीतीश सरकार और विपक्ष के बीच का यह टकराव अगले कुछ दिन और ज्यादा दिलचस्प होने वाला है।