- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने विधानसभा परिषद में एक चौंकाने वाली टिप्पणी करते हुए कहा कि मैथिली भाषी अपने लिए अलग राज्य की मांग स्वीकृत करवा लें। उन्होंने यह भी कहा कि मिलजुल कर मिथिला राज्य बना लेना चाहिए, एक ऐसा बयान जो राज्य राजनीति में हलचल मचा सकता है।
दरअसल, शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा एमएलसी हरी सहनी ने मिथिला क्षेत्र को केंद्र की मोदी सरकार से मिली बड़ी सौगात का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तो मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था, जो मिथिला और मैथिली भाषियों के लिए एक बहुत बड़ा सम्मान था। इसके बाद, पीएम मोदी के शासन में मैथिली भाषा में संविधान का अनुवाद भी किया गया, और इसके लोगो में मछली का चित्र भी जोड़ा गया, जो मिथिला क्षेत्र के लिए एक गौरव की बात है। हरी सहनी ने इसके लिए पीएम मोदी का धन्यवाद भी किया।
लेकिन इस दौरान, राबड़ी देवी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब जब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, तो मैथिली भाषियों को अपने लिए एक अलग राज्य की मांग उठानी चाहिए। उनकी यह टिप्पणी एक तरह से राजनीतिक तंज थी, जिसे उन्होंने सदन से बाहर निकलते समय भी पत्रकारों से साझा किया। राबड़ी ने कहा, "हमने पहले भी कहा है कि मिलजुल कर मिथिला राज्य बनाना चाहिए।"
मिथिला राज्य की मांग कोई नई बात नहीं है। वर्षों से कुछ संगठनों द्वारा बिहार के कई जिलों को मिलाकर एक अलग मिथिला राज्य बनाने की बात की जाती रही है। राबड़ी देवी ने अब इस मुद्दे को एक बार फिर से अपने अंदाज में उठाया, जिससे यह सवाल और भी चर्चा का विषय बन गया है।