- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार में भूमि सर्वेक्षण 2024 को लेकर विधानसभा और विधान परिषद में हंगामा मच गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने सर्वेक्षण को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि सरकार चाहे जो भी दावा करे, लेकिन इस कार्य ने आम जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उनका कहना था कि रजिस्टर टू में कई जमीन मालिकों के नाम नहीं दर्ज हैं, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी सिर्फ कागजों में आंकड़े जमा कर रहे हैं, असल में सर्वेक्षण में कोई ठोस काम नहीं हो रहा।
वहीं, भूमि राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि यह सर्वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है, और अगर यह पूरा हो गया तो राज्य की ज़मीन से जुड़ी कई समस्याएं खत्म हो जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार के पुलिस थानों में 37% मामले ज़मीन से जुड़ी समस्याओं पर होते हैं, और यह सर्वे जमीन विवादों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने यह बताया कि बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में यह काम पहले ही पूरा हो चुका है, और बिहार में 2012 से इस पर काम चल रहा है।
मंत्री ने यह भी कहा कि लोगों को सर्वेक्षण से जो परेशानी हुई है, उसे ध्यान में रखते हुए इस कार्य को तीन महीने और बढ़ाया गया है, ताकि 47 लाख लोग अपनी सेल्फ डिक्लेरेशन कर सकें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण के दौरान अगर किसी अधिकारी या कर्मी ने पैसे की मांग की तो उनके खिलाफ 72 घंटे के भीतर कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि जो ज़मीन के मालिकों के कागजात क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जैसे कि रजिस्टर टू के पन्ने फट गए हैं या दीमक लग गया है, उनके लिए 15 विकल्प दिए गए हैं, जिनकी मदद से वे अपनी ज़मीन का दावा कर सकते हैं।
अब देखना होगा कि क्या इस सर्वेक्षण से बिहार के लोगों को राहत मिलेगी या यह मुद्दा और बढ़ेगा।