- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की शानदार जीत को चार दिन हो चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का नाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अब तक मुख्यमंत्री के चेहरे पर किसी प्रकार का खुलासा नहीं किया है, जबकि इसके सहयोगी दल शिवसेना अपने नेता एकनाथ शिंदे के पक्ष में हैं। वहीं, भाजपा की ख्वाहिश है कि यह पद देवेन्द्र फडणवीस के पास जाए। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और शिवसेना इस मुद्दे पर पर्दे के पीछे लगातार चर्चा कर रहे हैं, ताकि कोई समझौता हो सके।
विपक्ष जहां महायुति के मुख्यमंत्री चयन में देरी पर सवाल उठा रहा है, वहीं भाजपा के सूत्रों का कहना है कि उन्हें सरकार बनाने की कोई जल्दबाजी नहीं है। एक सूत्र ने कहा, "हम किसी भी समयसीमा के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार बनने में दो हफ्ते का वक्त लगा था।"
मुख्यमंत्री पद का निर्णय लेने के अलावा, भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेताओं के बीच मंत्री पदों को लेकर भी सहमति बनानी होगी। महाराष्ट्र में कुल 43 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें से आधे मंत्री पद भाजपा के खाते में जा सकते हैं, जबकि बाकी सहयोगी दलों के लिए छोड़े जाएंगे। भाजपा ने महायुति के 230 में से 132 सीटें जीती हैं, और वह अपने हिस्से का मंत्री पद लेने की संभावना जताती है।
क्या था 2022 का घटनाक्रम?
वहीं, 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना का विद्रोह हुआ था, जिसके कारण उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी। उस समय भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए शिंदे का समर्थन किया था, और फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बनने पर सहमति दी थी। लेकिन इस बार, भाजपा ने शानदार चुनावी प्रदर्शन के बाद यह पद अपने सहयोगी के पास नहीं जाने देने का मन बना लिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ता फडणवीस को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं, और ऐसा भी माना जा रहा है कि भाजपा के वैचारिक गुरु, आरएसएस, भी फडणवीस के पक्ष में है।
शिंदे नाखुश
भा.ज.पा. की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता रामदास आठवले ने फडणवीस का समर्थन करते हुए कहा, "लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।" उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री के सवाल पर महायुति में "गतिरोध" पैदा हो गया है। आठवले के मुताबिक, जब एकनाथ शिंदे को यह पता चला कि भाजपा ने सीएम के रूप में फडणवीस को अंतिम रूप दिया है, तो वह नाखुश थे। हालांकि, आठवले का कहना है कि भाजपा को 132 सीटें मिली हैं, और इस हिसाब से फडणवीस को मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलझाव देखा जा रहा है, और सभी की नजरें अब इस बात पर हैं कि आखिरकार मुख्यमंत्री पद का फैसला कब और कैसे होगा।