- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार विधान परिषद में मंगलवार को कुछ ऐसा हुआ, जो शायद ही कभी देखा गया हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र यादव और राजद के सीनियर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के बीच एक दोस्ताना बहस ने सदन का माहौल गरम कर दिया। यह बहस भाषा के तीखे वारों के साथ खास इसलिए रही, क्योंकि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को 'थेथर' और 'भोथर' जैसे शब्दों से नवाजा!
सिद्दीकी ने प्रस्ताव रखा था कि कब्रिस्तानों की चारदीवारी को ऊंचा किया जाए, ताकि असामाजिक तत्वों का जमावड़ा न हो सके। लेकिन इस पर विजेंद्र यादव ने एक लाइन में इसे खारिज करते हुए कहा, "कब्रिस्तानों की चारदीवारी को ऊंचा करने का कोई नियम नहीं है।"
इस पर सिद्दीकी को गुस्सा आ गया और उन्होंने सीधे कह दिया, "विजेंद्र यादव मेरे पुराने दोस्त हैं, लेकिन हमारे मिथिला में एक कहावत है, 'थेथरई से थेथरई किये करै छि, लात-जूता खाके नीके रही छि'।" इसका मतलब था कि जो जिद्दी होते हैं, उन्हें समझाने से कोई फर्क नहीं पड़ता, वे सिर्फ लात-जूता खाकर ही समझते हैं।
सिद्दीकी के इस तंज पर विजेंद्र यादव ने पलटवार करते हुए कहा, "हम भी मिथिला के हैं, और वहाँ ऐसे लोगों को बकलैल और बकनैन कहा जाता है।" बकनैन का मतलब था 'मूर्ख', और ऐसा इशारा सीधे सिद्दीकी की ओर था।
विजेंद्र और सिद्दीकी के बीच बढ़ती तल्खी को देखकर मंत्री विजय चौधरी ने बीच-बचाव किया, और कहा, "मैं भी मिथिला का हूँ, लेकिन सदन की गरिमा को ध्यान में रखते हुए हमें ऐसे शब्दों से बचना चाहिए।" इसके बावजूद, सिद्दीकी ने पलटते हुए कहा, "हम दोनों एक ही गुरु के शिष्य हैं, लेकिन विजेंद्र यादव थेथर हैं।"
और फिर, विजेंद्र यादव ने जवाब दिया, "और आप, अब्दुल बारी सिद्दीकी, भोथर हैं!"
इस पूरी बहस के दौरान सदन की शांति और गरिमा को लेकर कई बार चिंता जताई गई, लेकिन दोनों नेताओं की ठिठोलियां और तीखे शब्द अंत तक जारी रहे। यह घटना बिहार विधान परिषद के इतिहास में एक दिलचस्प और यादगार पल बनकर रह गई।