- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक अहम निर्णय लिया है और बिहार के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन को उनके होम कैडर यानी बिहार वापस बुला लिया है। फिलहाल वे केंद्रीय गृह मंत्रालय की प्रतिष्ठित सीआईएसएफ में एडीजी पद पर तैनात थे, लेकिन अब उन्हें अपने राज्य में नए दायित्वों के लिए तैयार किया जा रहा है।
कुंदन कृष्णन, जिनका नालंदा जिले से गहरा रिश्ता है, बिहार के सख्त और इमानदार अधिकारियों में माने जाते हैं। वे 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनने से पहले जब बिहार में राष्ट्रपति शासन था, तब पटना के एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) थे। उनकी सख्ती और ईमानदारी ने उन्हें एक मिसाल बना दिया था।
अब, उनकी 'घर वापसी' का मामला खास इसलिए है क्योंकि कुंदन कृष्णन ने अपनी जिंदगी में कई बार अपनी काबिलियत और साहस का परिचय दिया है। खासकर 2002 में छपरा जेल कांड में उनका एक्शन जब सुर्खियों में आया। तब जब कैदियों ने जेल पर कब्जा कर लिया था, तो पुलिस पर पत्थरबाजी और फायरिंग की जा रही थी। इस बीच कुंदन कृष्णन एके-47 लेकर कैदियों से भिड़ने निकल पड़े थे। पुलिस की कार्रवाई में 5 कैदी मारे गए और इस दौरान कुंदन कृष्णन खुद भी घायल हो गए थे। यह घटना देशभर में चर्चा का विषय बन गई थी।
इसी तरह, 2006 में बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन से उनकी टक्कर ने भी सुर्खियां बटोरीं। आनंद मोहन की देहरादून से पटना में आकर गिरफ्तारी ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी थी। कुंदन कृष्णन ने अपनी टीम के साथ आनंद मोहन को पटना में गिरफ्तार किया, जहां उनके बीच तीखी बहस और हाथापाई भी हुई थी। इसके बाद आनंद मोहन को जेल भेज दिया गया।
अब जब कुंदन कृष्णन वापस बिहार लौट रहे हैं, तो राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी देने का मौका है। क्या वे कुंदन कृष्णन को राज्य में और बड़ी भूमिका में देखेंगे? यह देखने वाली बात होगी!
कुंदन कृष्णन की घर वापसी से यह साफ है कि बिहार में अब सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है।