- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार के बक्सर में हुई एक खास बैठक जिसमें मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज ने कुछ ऐसे बयान दिए जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहे हैं। ये बात है बक्सर में आयोजित "सीताराम विवाह महोत्सव" की जहाँ महाराज ने अपनी बातों से सबका ध्यान अपनी ओर खिंच लिया।
"अखंड भारत की कल्पना"
महाराज ने कहा, "हम सीताराम जी से प्रार्थना करते हैं की एक ऐसा समय आये जब भारत के विभाजन की रेखा हमेशा के लिए मिट जाए। ना रहे बांग्लादेश, ना रहे पाकिस्तान, सिर्फ अखंड भारत हो।" ये शब्द उन्होंने अपने भावों को व्यक्त करते हुए कहा और लोगों को एक नए विचार के लिए प्रोत्साहित किया।
"हिन्दू एकता पर जोर"
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "हिन्दुओं का असंगठित होना ही अत्याचारों का असली कारन है।" उनका मानना है की अगर हिन्दू एक साथ आएं तो अन्याय के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठेगी।
"मस्जिद और भगवान की प्रतिमाएं"
मलूक महाराज के एक और बयां ने हर जगह चर्चाएं बढ़ा दी। उन्होंने कहा, "इस धरती पर जितनी भी मस्जिदें हैं अगर उन्हें तोड़ा जाए तो नीचे से भगवान की प्रतिमाएँ ही मिलेंगी।" ये विचार उन्होंने हिन्दू सभ्यता और इतिहास के सन्दर्भ में रखा।
"सनातन धर्म की प्राचीनता"
उन्होंने सनातन धर्म की महानता को दर्शाते हुए कहा, "सनातन धर्म 95 हजार करोड़ वर्ष पुराना है। इससे पहले कोई और धर्म था ही नहीं। मुसलमान सिर्फ 1600 साल पुराने हैं और ईसाई 1100 साल पुराने, इससे पहले सिर्फ सनातन धर्म था जो शांति और अहिंसा का सन्देश देता है।"
"2027 में हिन्दू राष्ट्र ?"
महाराज ने एक भविष्य की तस्वीर भी खींची जिसमें उन्होंने कहा, "2027 तक भारत एक हिन्दू राष्ट्र बनेगा।" उन्होंने इसके लिए संत-महात्माओं की एकता और उनकी शक्ति को जरुरी बताया।
"संत महात्मा का स्वयं महत्व"
उन्होंने कहा, "भगवान के स्थान पर संत-महात्मा ही ईश्वर हैं। अगर भारत के सभी संत चाहें तो मुस्लमान सर नहीं उठा सकते। अगर रहना है तो रहीम की तरह रहना होगा।" ये एकता और समरसता का एक और संदेश था जो उन्होंने अपनी बातों में रखा।