- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
आरबीआई कि मौद्रिक नीति समिति ( एमपीसी ) की 3 दिन तक चलने वाली बैठक के बाद एक और महत्वपूर्ण डाइस्ला लिया गया है। आरबीआई ने अपनी रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है जो की पहले भी था। यह फैसला 4:2 के बहुमत वोटों से है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा की यह फैसला उनकी एमपीसी समिति ने सावधानीपूर्वक आर्थिक स्थिति हुए लिया है।
आरबीआई का कहना उनका प्राथमिक लक्ष्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है क्यूंकि इसका सीधा असर लोगों के जीवन पर पड़ता है। इसलिए, उन्होंने अपनी पॉलिसी को स्थिर और प्रभावी रखा है।
शक्तिकांता दास ने यह भी बताया की जीडीपी विकास दर जुलाई-सितंबर तिमाही में सिर्फ 5.4% रहा जो उम्मीदों से काफी कम था। लेकिन, उन्होंने यह भी कहा की अब अर्थव्यवस्था के कमजोर संकेत खत्म चुके हैं जो पहले किसी मंदी का संकेत दे रहे थें।
इस बार भी, एमपीसी ने अपनी निष्पक्ष नीति रुख को जारी करने का फैसला लिया है। जो की वर्तमान आर्थिक स्थिति देखते हुए एक सतर्क दृष्टिकोण को दर्शाता है। बैंक का उद्देश्य है की पैसे की आपूर्ति को नियंत्रण करके मुद्राप्रसार पर काबू पाए।
अगर आपको भी यह जानना था की रेपो रेट का यह फैसला हमारे वित्तीय भविष्य पर किस तरह से असर करेगा तो यह अपडेट आपके लिए महत्वपूर्ण है।