- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने एक दिन पहले ही साफ कर दिया 70वीं सिविल सेवा परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया नहीं लगायी जायेगी। फिर भी पटना में बीपीएससी कार्यालय के बाहर उम्मीदवारों का एक बड़ा विरोध होने का अंदेशा है।
70वीं बीपीएससी परीक्षा के प्रत्याशी ने शुक्रवार को नॉर्मलाइज करने के बारे में जो अफवाहें चल रहें थें, उनको लेकर विरोध करने की धमकी दी थी। हालाँकि, बीपीएससी ने इस बात को तुरंत नकार दिया था की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का कोई प्लान है। फिर भी, प्रत्याशियों का गुस्सा इतना ज्यादा है की वो अब रास्ते पर उतर कर अपना विरोध दिखने की योजना बना रहें हैं।
इसलिए, बीपीएससी ने खुद को सुरक्षित करते हुए कार्यालय के बाहर पुलिस का बंदोबस्त कर दिया है। 13 दिसंबर को 925 केंद्रों पर 4 लाख 80 हजार उम्मीदवारों के लिए परीक्षा होगी और सोशल मीडिया पर इस परीक्षा को लेकर काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। एक समूह का कहना है की बीपीएससी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया की सोच रहा है जो की उनके लिए बड़ा मुद्दा बन गया है।
बीपीएससी ने फिर से साफ कर दिया की नॉर्मलाइजेशन का कोई सवाल नहीं है और उम्मीदवारों से अनुरोध की गयी है कि वह ऐसे अफवाहों पर ध्यान न दें। उम्मीदवारों को अपने परीक्षा पर ध्यान देने की सलाह दी गयी है। फिर भी कुछ संगठन अपने उम्मीदवारों से बीपीएससी कार्यालय के बाहर विरोध करने कि निवेदन कर रहें हैं। इस वजह से पुलिस भी चौंकन्नी है और उन्होंने विरोधियों से निपटने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर राखी है।
तेजश्वी का भी सवाल:
बिहार के विपक्ष के नेता, तेजश्वी यादव ने भी 70वीं बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पर सवाल उठाया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि बीपीएससी को अपनी मूल्यांकन पद्धति स्पष्ट करना चाहिए। उनका कहना था की एनडीए सरकार से मांग है की परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट, एक पैटर्न में हो, बिना पेपर लीक के।
नॉर्मलाइजेशन का मतलब क्या है ?
नॉर्मलाइजेशन एक प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न पारी में परीक्षा होने पर उम्मीदवारों के अंकों को प्रमाण के अनुसार है। जब एक परीक्षा एक दिन में ना हो और विभिन्न पारियों में हो तब नॉर्मलाइजेशन कि प्रक्रिया अपनाया जाता है ताकि सभी उम्मीदवारों के एक ही पैमाना पर मूल्यांकन किया जा सके।