- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार के तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। गुरुवार सुबह 8 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन पहले दो घंटों में मतदाताओं का उत्साह बहुत ठंडा नजर आया। सुबह 10 बजे तक मतदान का प्रतिशत 5 फीसदी भी नहीं पहुंचा था, केवल 4.96 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
हालांकि, चुनाव आयोग ने मतदान के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए पूरी तैयारी की है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और चुनाव आयोग का कहना है कि मतदान के दौरान अब तक किसी भी प्रकार की शिकायत या हंगामे की सूचना नहीं मिली है। सभी 197 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान जारी है और शाम 4 बजे तक मतदान प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में फैला हुआ है, जहां 1.54 लाख से ज्यादा मतदाता अपने वोट का प्रयोग करेंगे।
इस उपचुनाव में कुल 18 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें प्रमुख उम्मीदवारों के रूप में जदयू से अभिषेक कुमार झा, राजद से गोपी किशन, और जन सुराज पार्टी से डॉ. विनायक गौतम हैं। इसके अलावा, कई निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
एनडीए की प्रतिष्ठा दांव पर
इस उपचुनाव के साथ एनडीए के लिए एक बड़ी परीक्षा का समय है। जदयू के अभिषेक कुमार झा इस बार एनडीए की ओर से चुनाव मैदान में हैं। यह सीट पहले जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर के पास थी, जो अब लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट से इस्तीफा दे चुके हैं। अगर जदयू यहां जीत हासिल करता है, तो यह एनडीए के लिए बड़ी राजनीतिक जीत साबित हो सकती है।
विपक्ष भी है मैदान में
वहीं, राजद और जन सुराज पार्टी भी इस सीट पर अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। राजद के गोपी किशन और जन सुराज पार्टी के डॉ. विनायक गौतम, जिनका मुजफ्फरपुर में एक बड़ा राजनीतिक आधार है, दोनों ही अपनी पार्टी की जीत को लेकर आश्वस्त हैं। डॉ. विनायक गौतम के पिता राम कुमार सिंह ने इस क्षेत्र से तीन बार विधान परिषद सदस्य के रूप में कार्य किया था, और उनकी माता भी मुजफ्फरपुर के एमडीडीएम कॉलेज की प्रिंसिपल रही हैं। ऐसे में, डॉ. गौतम अपने पिता की तरह बिहार विधान परिषद का सदस्य बनने का सपना देख रहे हैं।
इस चुनाव में 5 दिसंबर को मतदान होगा और 9 दिसंबर को मतगणना की जाएगी, जो यह तय करेगा कि तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की राजनीति किस दिशा में जाएगी।