- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत को चार दिन हो चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम का एलान अब तक नहीं हुआ। भाजपा का नेतृत्व वाला गठबंधन इस सवाल पर चुप है, जबकि विपक्ष इस देरी को लेकर लगातार सवाल उठा रहा है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि सरकार बनाने में कोई जल्दी नहीं है और वे अपनी रणनीति पर ध्यान दे रहे हैं।
"हम किसी समयसीमा पर नहीं हैं"
भा.ज.पा. के सूत्रों ने बताया कि पार्टी किसी समयसीमा पर विचार नहीं कर रही है। उत्तर प्रदेश में भी सरकार गठन में दो हफ्ते लग गए थे, तो महाराष्ट्र में जल्दी करने की कोई जरूरत नहीं है।
देवेंद्र फडणवीस का बयान
जब इस मुद्दे पर देवेंद्र फडणवीस से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा। हम मिलकर निर्णय करेंगे, और तीनों पार्टियां इस पर चर्चा कर रही हैं।"
मुख्यमंत्री के पद को लेकर शिवसेना का दबाव
दूसरी ओर, शिवसेना अपने नेता एकनाथ शिंदे के पक्ष में जोर लगा रही है। शिवसेना के नेता संजय शिरसाट ने कहा, "हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री शिवसेना से ही हो। हम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़े थे, और हमें विश्वास है कि टॉप नेता भी उन्हें सपोर्ट करेंगे।" खबरें ये भी हैं कि सरकार का शपथ ग्रहण समारोह बड़े स्तर पर वानखेड़े स्टेडियम में हो सकता है और संभवत: 2 दिसंबर तक सरकार बन जाएगी।
भाजपा और शिंदे के बीच किचकिच
2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई विद्रोह के बाद, भाजपा ने मुख्यमंत्री के तौर पर उनका समर्थन किया था, लेकिन इस बार भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद, पार्टी इस बार मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने पास रखना चाहती है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ता देवेंद्र फडणवीस को टॉप पद पर देखना चाहते हैं, और आरएसएस भी फडणवीस के पक्ष में है।
रामदास आठवले का समर्थन
भा.ज.पा. के सहयोगी दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता रामदास आठवले ने भी देवेंद्र फडणवीस का समर्थन करते हुए कहा कि "लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।" हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे को इस फैसले से नाखुशी है, क्योंकि उन्होंने सीएम की कुर्सी के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की थी।
सच तो ये है कि महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री पद के लिए जंग अब तक नहीं थमी है, और ये दिलचस्प राजनीति सामने आ रही है।