- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिल रही है, जहां महायुति के तीन बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने हाल ही में अमित शाह से मुलाकात की, लेकिन सीएम पद पर कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। इसके बाद से प्रदेश की सियासी साज़िशें और भी पेचीदा होती जा रही हैं, और अब सारा ध्यान मंत्रालयों के बंटवारे पर है।
शिंदे के डिप्टी सीएम बनने की संभावना पर विराम
शिवसेना विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने इस बीच एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम की पोस्ट नहीं संभालेंगे। शिरसाट ने कहा कि ऐसे पद पर बैठना शिंदे के लिए उचित नहीं होगा, क्योंकि वह पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। शिरसाट ने ये भी कहा कि शिवसेना के नेतृत्व में किसी अन्य नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया जाएगा।
क्या शिंदे केंद्र जाएंगे?
महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या एकनाथ शिंदे केंद्रीय मंत्री बनने जा रहे हैं? लेकिन शिरसाट ने इस सवाल पर भी विराम लगाते हुए साफ किया कि शिंदे केंद्र में कोई भूमिका नहीं निभाएंगे। उनका कहना था कि शिंदे महाराष्ट्र की जनता की सेवा में ही रहेंगे और राज्य में किसी महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
शिंदे, फडणवीस और पवार की अमित शाह से बैठक का असर
इस बीच, मुख्यमंत्री पद को लेकर जब एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने अमित शाह से मुलाकात की, तो उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बैठक के बाद किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा, लेकिन इस मुलाकात से भी कोई निर्णायक हल नहीं निकल पाया। बैठक के बाद शिंदे ने कहा कि सब कुछ सकारात्मक रहा और उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह प्रधानमंत्री मोदी के हर फैसले का सम्मान करेंगे।
मंत्रालयों को लेकर सियासी दांव-पेच
अब महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे बड़ा सवाल यह है कि महायुति के भीतर मंत्रालयों का बंटवारा कैसे होगा। तीनों नेताओं के बीच बढ़ते मतभेद और जटिल सियासी समीकरण यह संकेत दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में और भी दिलचस्प मोड़ आने वाले हैं।