- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
कटिहार के आजमनगर थाना क्षेत्र के केलाबाड़ी गांव में 11 नवंबर को हुई वासुदेव मंडल की हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस हत्या के पीछे की वजह महज 500 रुपये की लूट बताई जा रही है।
"कैसे हुआ हत्या का खुलासा?"
पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने जानकारी दी कि वासुदेव मंडल 11 नवंबर की शाम कुछ काम से घर से निकले थे। जब वह रात तक घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की और पुलिस को सूचना दी। 14 नवंबर को वासुदेव का शव गांव के एक तालाब में मिला।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वासुदेव, घटना वाली रात अपनी महिला मित्र पिंकी देवी के घर पर गए थे। वहां से खाना खाने के बाद वे पास में आयोजित नाच-गाने के कार्यक्रम में चले गए। लौटते वक्त सुनसान इलाके में गांव के ही विष्णु ऋषि और एक नाबालिग ने उन्हें रोककर लूटपाट शुरू कर दी।
"500 रुपये के लिए की गई निर्मम हत्या"
पुलिस के मुताबिक, लूटपाट के दौरान वासुदेव ने विरोध किया, जिससे गुस्साए विष्णु और उसके नाबालिग साथी ने पहले उनके हाथ में पहना कड़ा उतारने की कोशिश की। जब वासुदेव ने बचाव किया, तो उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया गया। मारपीट में गंभीर रूप से घायल वासुदेव की मौके पर ही मौत हो गई। अपराधियों ने शव को पास के तालाब में फेंक दिया और फरार हो गए।
"पुलिस की कार्रवाई"
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी विष्णु ऋषि को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, नाबालिग आरोपी को लेकर जुवेनाइल कोर्ट के दिशा-निर्देशों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
"एसपी का बयान"
एसपी वैभव शर्मा ने बताया कि यह पूरी घटना महज 500 रुपये की लूट के विरोध में हुई। उन्होंने पुलिस टीम की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि मामले का खुलासा समय रहते कर लिया गया है।
"न्याय की उम्मीद"
इस घटना ने गांववालों को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह के अपराध दोबारा न हों।
"कटिहार की इस दर्दनाक घटना ने समाज में अपराधियों के बढ़ते साहस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून और सतर्कता की जरूरत है।"