- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। जहाँ दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर निशाना साधने के लिए नए-नए मुद्दे उछाल रहे हैं। वहीं इस बार आधी आबादी के मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों में खासा जोर लग रहा है। दोनों ही गठबंधन, महिला सशक्तिकरण और जनहित की योजनाओं के जरिए अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं।
घुसपैठ पर वार, महिला वोटरों पर निगाह
इस बार चुनाव का केंद्र बिंदु बना है 'आधी आबादी' का मुद्दा। इंडिया गठबंधन की ओर से 'मंईयां सम्मान योजना' का दांव चला गया है, तो भाजपा ने 'गोगो दीदी योजना' से महिलाओं का समर्थन पाने की कोशिश की है। इसके अलावा, बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा भी बेहद गर्माया हुआ है। बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों के जरिए इस मुद्दे पर जोर दिया है और इसे झारखंड की सुरक्षा और संप्रभुता से जोड़ा है।
सीधी टक्कर, सीधे मुद्दे
इस बार इंडिया और एनडीए के बीच ज्यादातर सीटों पर सीधी और तीखी लड़ाई देखने को मिल रही है। दोनों गठबंधन इन मुद्दों के सहारे अपने वोटरों को जोड़ने में लगे हैं। इंडिया गठबंधन ने सरना धर्म कोड को भी चुनावी मुद्दा बना दिया है और इसे आदिवासी पहचान से जोड़कर भावनात्मक अपील कर रहें हैं। वहीं, भाजपा ओबीसी आरक्षण का मुद्दा लेकर मैदान में है और झारखंड में आरक्षण सीमा बढ़ाने का वादा कर रही है।
मोदी बनाम सोरेन: कौन मारेगा बाजी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाईबासा की रैली में इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कांग्रेस पर आरक्षण के मुद्दे को लेकर कठोर शब्दों में वार करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से आदिवासियों के आरक्षण के खिलाफ रही है और ये बस वोट बैंक की राजनीति कर रही है। दूसरी ओर, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं।
कौन होगा झारखंड का चैंपियन?
इस चुनावी जंग में हर पक्ष अपने मुद्दों की सवारी कर रहा है, लेकिन असल में किसको फायदा मिलेगा, ये तो चुनाव नतीजे ही बताएंगे।