Sunday, December 22, 2024

1985 का लातेहार चुनाव: लातेहार विधानसभा सीट के सभी उम्मीदवारों के नामांकन हुए थे रद्द, बीबीसी की खबर ने रचा इतिहास


सन 1985 के दौरान, तत्कालीन बिहार के लातेहार विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसी अनोखी घटनाक्रम घटी जिसने पुरे देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खिंच लिया। जहाँ चुनाव लड़ रहें सभी सात उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो गए थे और यह खबर उस वक़्त का सबसे बड़ा और आग की तरह फैलने वाला राजनीतिक अपडेट बन चूका था। जब शाम के साढ़े सात बजे बीबीसी के न्यूज़ बुलेटिन में एंकर ने बताया कि भारत के बिहार राज्य के एक विधानसभा क्षेत्र है जहाँ सभी राजनीतिक उम्मीदवारों के नामांकन रद्द कर दिए गए हैं, तो लोग काफी हैरान हो गए।  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव और पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद सिंह इस घटना को याद करते हुए बताते हैं कि, "यह घटना साल 1985 की है, जब लातेहार सीट के लिए हो रहें चुनाव ने इतिहास रचा था।" 

क्या था मांजरा और कैसे हुई चूक? 

लातेहार चुनाव की घोषणा होते ही लातेहार से कई राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों ने अपने-अपने नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे।  जहाँ सभी उम्मीदवारों ने नामांकन के लिए चार-चार सेट भरे, लेकिन स्क्रूटनी के दिन अनुमंडल कार्यालय पहुँचने पर उन सभी उम्मीदवारों को चौंका देने वाली खबर मिली - सबके नामांकन रद्द हो चुकें थें।   

इसके साथ ही लातेहार बार काउंसिल के अध्यक्ष सह अधिवक्ता राजमणि प्रसाद बताते हैं कि, "सभी उम्मीदवारों ने जाति के कॉलम में गलती कर दी थी।" दरअसल बात ये थी कि, जाति के कॉलम में सभी उम्मीदवारों ने अपनी जाति के रूप में 'हरिजन' लिख दिया था, जबकि नियमों के अनुसार उम्मीदवारों को अपनी उपजाति स्पष्ट करनी थी, जैसे कि 'पासवान' और 'राम'। इसी गलती के कारण अनुमंडल पदाधिकारी शीला किस्कू रपाज ने कड़े निर्णय लेते हुए ये कदम उठाया और सभी उम्मीदवारों के नामांकन रद्द कर दिए।     

फिर से हुआ चुनाव 

यह नामांकन रद्द होने के बाद चुनाव आयोग को 15-20 दिनों के अंदर लातेहार विधानसभा सीट पर दोबारा चुनाव कराने का आदेश देना पड़ा।  यह घटना अब तक के चुनावी इतिहास  अनोखी मिसाल बन गयी और बीबीसी द्वारा इसकी ब्रेकिंग न्यूज़ से यह खबर विश्वभर में चर्चा का विषय बन गयी। 


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Santosh Singh

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