- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
झारखण्ड में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के पहले, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बड़ी अपील की है। उन्होंने वॉटर्स से कहा, "जब वोट देने जाएं, तो याद करें की हेमंत सरकार ने रांची को कराची बनाने की शुरुआत कर दी है।"
"वोट अपने नौजवान के भविष्य और बहू-बेटी की इज्जत के लिए दें"
गिरिराज सिंह का कहना था की लोग अपने अधिकारों को समझें और वोट देते वक़्त हेमंत सोरेन सरकार के काम का हिसाब लें। उन्होंने ज़ोर दिया की रांची की पहचान और राज्य का कल्याण के लिए समझदारी से वोट करें।
बुर्का और मतदाता पहचान मुद्दा
बुरखा पहन कर वोट देने आने वाले मुद्दा पर गिरिराज सिंह ने कहा, "यह ज़रूरी है की बुरखा पहनी हुई महिलाओं की पहचान ठीक से सत्यापित जाये। अगर सत्यापन नहीं होता, तो यह गलत है। संविधान के हिसाब से पहचान सत्यापन होना चाहिए और अगर बुरखा उतरवा कर तस्दीक करना पड़ता है तो वोटिंग अधिकारियों को यह करना चाहिए।"
उन्होंने मुस्लिम नेताओं के इस आपत्ति पर भी तीखा प्रहार किया और कहा की अगर इस पर विरोध होता है तो उनका विरोध किया जाना चाहिए।
कांग्रेस पर निशाना
गिरिराज सिंह ने कांग्रेस और मल्लिकार्जुन खड़गे के कथन पर भी तीखी प्रतिक्रिया दिया। खड़गे के "आरएसएस और बीजेपी नफरत फैलते हैं" वाले बयान पर गिरिराज ने कहा, "आजादी के बाद से कांग्रेस ने हमेशा तुस्टीकरण की राजनीति की है। कांग्रेस ने वोट के लिए हिन्दू-मुस्लिम को विभाजित किया है।"
उन्होंने यह भी दावा किया की कांग्रेस के तुस्टीकरण के वजह से भारत के कई हिस्सों में धर्मान्तरण का मुद्दा सामने आ रहा है। बिहार के बक्सर और दुसरे इलाकों में धर्मान्तरण के मामलों को उजागर करते हुए उन्होंने तेजश्वी यादव और कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाया।
"मुस्लिम धर्मगुरु फ़ेलते हैं नफ़रत"
गिरिराज सिंह ने मुस्लिम धर्मगुरुओं पर भी टिप्पणी किया और कहा की उनका काम समझ में नफरत फैलाना है। उन्होंने कहा, "लोग मुस्लिम धर्मगुरुओं के भाषण सुनें, कैसे वह नफरत पैदा करते हैं। हिन्दू धर्मगुरु कभी नफरत नहीं फैलते।"
झारखण्ड चुनाव के पहले इन उग्र बयान ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है। आने वाले दिनों में गिरिराज सिंह के बयां और झारखण्ड के वोटर्स का प्रतिक्रिया राजनीतिक प्रवचन का प्रमुख पार्ट बनने वाला है।