Sunday, December 22, 2024

बिहार विधानसभा अपडेट: मॉनसून सत्र से गायब तेजश्वी यादव का जबरदस्त कमबैक, विरोधियों को दिया मुंहतोड़ जवाब


बिहार विधानमंडल के पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का आगाज़ सोमवार से हो चुका है। सदन में इस बार एक खास बात थी – नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की उपस्थिति। मानसून सत्र से नदारद रहने वाले तेजस्वी ने शीतकालीन सत्र में अपनी दमदार एंट्री से विरोधियों को चुप करवा दिया।  

पहले ही दिन की जोरदार शुरुआत

शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही महज 22 मिनट चली, लेकिन इस छोटे से समय में भी सियासी पारा चढ़ा रहा। सत्र की शुरुआत एनडीए के उपचुनाव में जीते विधायकों के शपथ ग्रहण से हुई। हालांकि तरारी से विधायक बने विशाल प्रशांत की अनुपस्थिति के कारण उनका शपथ ग्रहण नहीं हो सका।  

तेजस्वी की मौजूदगी से विरोधियों को झटका  

तेजस्वी यादव की सदन में मौजूदगी ने सत्तापक्ष के उन नेताओं को निराश कर दिया, जो दावा कर रहे थे कि वे सत्र में नहीं आएंगे। खासतौर पर जदयू एमएलसी नीरज कुमार, जिन्होंने तेजस्वी को 'कर्तव्य घोटाला' का टैग देने की पूरी तैयारी कर रखी थी।  

'कर्तव्य घोटाले' पर जवाब 

तेजस्वी यादव को लेकर नीरज कुमार ने हाल ही में तंज कसा था कि अगर वे सत्र में नहीं पहुंचे तो 'कर्तव्य घोटाला' का आरोप उन पर लगेगा। नीरज ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा था, "मानसून सत्र में नदारद रहने के बाद क्या शीतकालीन सत्र में शर्म से सदन में नजर नहीं आएंगे?"  

विपक्ष की धार तेज

तेजस्वी ने न केवल सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई बल्कि यह भी साबित कर दिया कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति सजग हैं। उनकी इस एंट्री ने विरोधियों को बैकफुट पर ला दिया। सत्तापक्ष का यह दांव उल्टा पड़ गया, और तेजस्वी की सदन में मौजूदगी चर्चा का विषय बन गई।  

नीरज कुमार का 'वेतन घोटाले' का तंज  

जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने इससे पहले तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा था कि "वेतन घोटाले के आरोपी तेजस्वी राजनीति में हार के बाद शर्मिंदा होकर सदन से गायब रहते हैं। विधानसभा में न आना कर्तव्य घोटाले के बराबर है।"  

तेजस्वी की वापसी से बदले सियासी समीकरण  

तेजस्वी यादव की सदन में वापसी ने न केवल विपक्ष को मजबूती दी है, बल्कि यह भी दिखा दिया कि राजनीति में वह पलटवार करने का हुनर जानते हैं। इस सत्र में आगे क्या होगा, यह देखने लायक होगा, लेकिन इतना तय है कि तेजस्वी की एंट्री ने सत्तापक्ष को सोचने पर मजबूर कर दिया है।  

आगे का सत्र और तेज होगा, क्योंकि तेजस्वी अब विरोधियों के वार का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

Super Admin

Santosh Singh

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