- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे जैसे ही घोषित हुए, एनडीए में खुशी की लहर दौड़ गई। राजद और महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा, वहीं एनडीए ने चारों सीटों पर जीत का परचम लहराकर सबको चौंका दिया।
सीएम आवास बना पॉलिटिकल मीटिंग हब
जैसे ही नतीजे आए, मुख्यमंत्री आवास पर नेताओं का आना-जाना शुरू हो गया। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, और लोजपा (रामविलास) के बड़े चेहरे एक-एक करके सीएम नीतीश कुमार के घर पहुंचने लगे। माना जा रहा है कि यहां जीत के बाद रणनीतिक बैठक भी होगी। इस मौके पर लोजपा के संजय झा और मनीष वर्मा जैसे नेता भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते दिखे।
राजद को बेलागंज में बड़ा झटका
सबसे चौंकाने वाला नतीजा बेलागंज से आया, जहां 34 साल से अजेय माने जाने वाली राजद की सीट एनडीए ने छीन ली। इस हार ने लालू यादव की पार्टी को बड़ा सबक दिया है। वहीं, रामगढ़ सीट पर भी राजद को मुंह की खानी पड़ी। यहां जगदानंद सिंह जैसे दिग्गज नेता का प्रभाव भी उनके बेटे की हार को रोक नहीं सका।
महागठबंधन के लिए कड़वा सच
चारों सीटों पर हार ने महागठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ये नतीजे न सिर्फ राजद बल्कि पूरे गठबंधन के लिए खतरे की घंटी हैं। एनडीए की इस जीत ने एक बार फिर दिखा दिया कि बिहार की राजनीति में कौन मजबूत है।
क्या है आगे का खेल ?
अब सवाल यह उठता है कि क्या एनडीए इस जीत को 2025 विधानसभा चुनावों तक भुना पाएगा? क्या राजद और महागठबंधन अपने गढ़ को फिर से हासिल करने की तैयारी कर पाएंगे? इन सवालों के जवाब तो आने वाले दिनों में ही मिलेंगे। फिलहाल तो मुख्यमंत्री हाउस में जीत का जश्न जोरों पर है, और एनडीए ने ये साबित कर दिया है कि उनका राजनीतिक ग्राफ ऊपर ही जा रहा है!