Monday, December 23, 2024

बिहार उपचुनाव 2024: क्या महागठबंधन को मिलेगा बड़ा झुकाव? नए रुझान से लगता है, एनडीए ने मार दी है 'फुल टॉस'


बिहार की 4 विधानसभा सीट्स पर हो रहे उपचुनाव के परिणाम का इंतज़ार आज खत्म होने वाला है, और जो शुरुआती रुझान आ रहे हैं। उसने लग रहा है की एनडीए का जादु चल गया है। 4 सीट्स पर हो रहे इस मैदान में, एनडीए के कैंडिडेट 3 सीट्स पर आगे दिख रहें हैं। सिर्फ रामगढ़ सीट पर मानव अधिकार लीग ( एम ए एल इ ) के उमीदवार आगे चल रहा है। तो, अब बस कुछ घंटों में फैसला हो जाएगा - किसकी जीत होगी और किस पर लगाएगा जीत का ताज ? 

4 सीट्स, 4 जंग: बिहार का चुनाव बन गया है कहीं ज्यादा दिलचस्प 

13 नवंबर को बिहार की 4 सीट्स - बेलागंज, इमामगंज, तरारी और रामगढ़ - के लिए जो उपचुनाव हुए थे, उनका नतीजा आज ( 23 नवंबर ) आ जाएगा। अब देखा जाएगा की किसने अपनी ताकत से खेला और किसने अपने राजनीतिक भविष्य की खेल हराई। 

कहानी हर सीट की : कौन कहां जा रहा है ?

तरारी: यहां बीजेपी के विशाल प्रशांत और सीपीआई-एमएल के राजू यादव के बीच छिड़ी है एक जबरदस्त टक्कर। जान सुराज पार्टी की किरण सिंह और बसपा के सिकंदर कुमार भी रेस में हैं। 

- इमामगंज: यहां का मैच बिल्कुल फोटो-फिनिश होने वाला है! राजद के रोशन कुमार, 'हम' की दीपा मांजी, जन सुराज पार्टी के जीतेंद्र पासवान और एआईएमआईएम की कंचन पासवान के बीच काफी कड़ा मुकाबला है।

- बेलीगंज: यहां राजद के विश्वनाथ कुमार सिंह, जदयू की मनोरमा देवी और जन सुराज पार्टी के मोहम्मद अमजद के बीच गंभीर लड़ाई हो रही है।

-रामगढ़: सबसे दिलचस्प और जटिल दौड़! यहां राजद के अजीत कुमार सिंह, भाजपा के अशोक कुमार सिंह और जन सुराज पार्टी के सुशील कुमार सिंह के बीच फुल ऑन ड्रामा हो रहा है।

क्या यह चुनाव है 'बिहार की आग' का स्टाटर ?

यह छोटे उपचुनाव सिर्फ एक छोटी सी फोटो ओप के जैसे नहीं हैं यह तो 2025 के बड़ी विधानसभा चुनाव का सेमी-फाइनल है। इसलिए, आज का परिणाम सिर्फ एक सीट की जीत नहीं बल्कि पुरे बिहार की आने वाली राजनीतिक आकर को परिभाषित करेगा। एनडीए, महागठबंधन और जान सुराज पार्टी के बीच ये  मुकाबला अभी एक 'प्रतिष्ठित' मुद्दा बन गया है। कोई पार्टी अपने राजनीतिक खेल में जीत का टशन छोड़ेगा तो कोई अपने राजनीतिक छवि की सफाई करने में लगा होगा। 

क्या हो सकता है आज का नतीजा?

- अगर "राजद" का नियंत्रण अब भी बना रहा, तो उनका राजनीतिक दबदबा कायम रहेगा। लेकिन अगर "एनडीए" ने ये 3 सीटें जीत ली, तो 2025 में बिहार में बात कुछ और होगी।

- "बेलागंज" और "रामगढ़" पर राजद का पुराना कब्ज़ा, जो 1990 के दशक से चल रहा है, आज उसका टेस्ट हो रहा है। अगर सीटों पर जदयू ने उम्मीदवार नहीं चुना तो समझ लीजिए, गेम बदल गया।

बिहार की राजनीति का भविष्य: कहां जाएगी वक़्त की नाव ? 

आज के परिणाम को देख कर यह समझना काफी आसान हो जाएगा की बिहार के अगले चुनाव किस दिशा में जाएंगे। राजद और महागठबंधन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है और यह पूरा चुनाव एक तीखा 'मसालेदार' ड्रामा बन गया है। 

तो आज के परिणाम को देखना मत भूलियेगा। यह सिर्फ एक सीट का फैसला नहीं बल्कि पुरे बिहार की सियासत की राह तैयार करने वाला है। क्या यह 'एनडीए की वापस' होगी या 'महागठबंधन की ताकत' का दिखावा? आपका अनुमान क्या है ? 


Super Admin

Santosh Singh

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