Thursday, January 9, 2025

"बिहार राजनीति में हंगामा: राजा के करीब विधायक के खिलाफ क्या चल रही है राजनीतिक धमाका ? पटना से दिल्ली तक, क्या है जाल और शातिर खेल"


बिहार की सियासत में हर दिन कुछ नया होता है, और इस बार यह नई कहानी सीधे राजमहल से आ रही है! खबरें आ रही हैं कि राजा के सबसे करीबी वजीर के साथ कुछ खटपट चल रही है। यह खटपट न सिर्फ अंदरखाने बल्कि खुलकर सामने आ चुकी है।

अब सुनिए, क्या है पूरा माजरा?

वजह कुछ भी हो, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वजीर के दिल में कई सालों से दबा एक गुस्सा अब उबाल मारने वाला है। इसके पीछे बड़े नेताओं के उन अनकहे दुखों को उभारने की कोशिश हो रही है, जो कई सालों से चुपचाप भीतर सुलगते रहे हैं। अब देखना यह है कि ये सियासी तीर किधर लगेगा—राजा पर, या फिर वजीर पर?

राजा और वजीर की जंग: पासी और खाई की सियासी कहानी

राजा की खासियत यह रही है कि जो भी उनके करीब आता है, उसकी किस्मत पलटने में देर नहीं लगती। कुछ तो ऊँचाइयाँ छूकर रुकते हैं, लेकिन बहुतों को अचानक सियासी खाई मिल जाती है। एक पुराने वजीर का उदाहरण लें, जिन्होंने कभी राजा के सबसे भरोसेमंद साथी के रूप में सत्ता के शिखर तक पहुंचने का मजा लिया। लेकिन जैसे ही उनकी राजनीति का पंख फैला, राजा ने उन्हें अपनी कुर्सी से हटाकर खुद गद्दी पर बैठने का रास्ता तैयार कर लिया।

आखिर क्यों अजीज वजीर अब भी खेल में हैं?

अब बात करते हैं उस वजीर की जो इस सियासी खेल में अपवाद की तरह दिखाई देते हैं—अजीज वजीर। वह गहरे सियासी समीकरणों के साथ चुपचाप अपने खेल को आगे बढ़ाते रहते हैं। मुंह से कम बोलने वाले अजीज की मुस्कान ने उनके रास्ते को खासा आसान बना दिया है। क्या उनकी खामोशी ही उन्हें सियासी खेल में टिकाए रखी है? शायद! और तभी तो राजा को कभी भी उन्हें अपने से दूर करने का मन नहीं हुआ। यही कारण है कि अजीज ने हर मोर्चे पर अपना दबदबा बनाए रखा है, चाहे वह NDA हो या महागठबंधन, उनका तीर हमेशा निशाने पर होता है।

पुराना यार, नया यलगार

लेकिन सियासत में दोस्ती और दुश्मनी की रेखा बहुत पतली होती है। एक पुराने सियासी साथी के साथ अब राजा की नजदीकी में दरार आ चुकी है। कहा जा रहा है कि वो पुराने यार अब सियासी विद्रोह के सुर में गाने लगे हैं। उनके बयान बाजी से सियासी माहौल गरमा गया है और पूरा महल हिल चुका है! अब इस खेल में अजीज वजीर को मोर्चा संभालने का मौका मिला, और उन्होंने भी इसे बखूबी निभाया। लेकिन समय के साथ-साथ कुछ नया घटित हुआ, और अजीज के खिलाफ सियासी साजिशें भी तेज हो गईं।

क्या अजीज को अब फिर से नकारा जाएगा?

बिहार की राजनीति में कहने को कुछ भी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यहां कब कौन किसे मात दे दे, ये कोई नहीं जानता। सूत्रों के मुताबिक, अब एक बार फिर से अजीज वजीर को कमजोर साबित करने की कोशिशें हो रही हैं। दिल्ली तक यह प्लान पंहुच चुका है और यहां के कुछ दूसरे वजीर इस खेल में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। मुलाकातों और चर्चाओं का सिलसिला जारी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह सियासी चालें सफल हो पाएंगी?

वक्त बताएगा

आखिरकार, सियासत की गहरी चालों को समझने के लिए वक्त का इंतजार करना पड़ता है। राजा से लेकर वजीर तक सभी अपने-अपने खेल में लगे हैं, और इस बार किसकी चाल कामयाब होगी—यह देखना दिलचस्प होगा। क्या अजीज की सियासी जमीन हिल पाएगी, या फिर वह एक बार फिर राजा के करीब बने रहेंगे? यह तो वक्त ही बताएगा!

Super Admin

Santosh Singh

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