Monday, December 23, 2024

बिहार न्यूज़: नीतीश कुमार की ‘महिला संवाद यात्रा’: सियासी दांव या जनता की नब्ज टटोलने का मिशन?


बिहार की सियासत दिसंबर में नई करवट लेने को तैयार है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 दिसंबर से ‘महिला संवाद यात्रा’ पर निकलने वाले हैं। इस बहुप्रतीक्षित यात्रा का मकसद महिलाओं से सीधे संवाद करना और राज्य की योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभाव समझना है। इस दौरान वे राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाने की कोशिश करेंगे, जहां उनकी प्राथमिकता महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर फीडबैक लेना और जनता से सीधा जुड़ाव बनाना है।  

क्या है महिला संवाद यात्रा? 

महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखते हुए, मुख्यमंत्री इस यात्रा के दौरान राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे "जीविका दीदी", "महिलाओं को आरक्षण", "शराबबंदी से महिला उत्थान", और "सात निश्चय योजना" पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, जल जीवन हरियाली योजना की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी। इस यात्रा के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने 225 करोड़ 78 लाख रुपए के खर्च को मंजूरी दी है।  

विपक्ष की आलोचना और कुशवाहा का समर्थन  

मुख्यमंत्री की इस पहल पर विपक्ष ने तीखे सवाल खड़े किए हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकारी फंड का इस्तेमाल आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। वहीं, एनडीए के प्रमुख नेता और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष "उपेंद्र कुशवाहा" ने नीतीश की इस यात्रा का समर्थन करते हुए इसे एक “बेहद जरूरी पहल” बताया है।  

कुशवाहा ने कहा, “जो लोग बयानबाजी कर रहे हैं, उनसे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। सीएम का जनता से संवाद करना बेहद महत्वपूर्ण है। महिलाओं से फीडबैक लेना उनके नेतृत्व को और मजबूत करेगा।” उन्होंने तेजस्वी यादव और विपक्षी महागठबंधन के 2025 के चुनावी दावों पर तंज कसते हुए कहा कि अगली सरकार केवल और केवल एनडीए की बनेगी।  

राजनीति या रणनीति? 

जदयू के भीतर और बाहर इस यात्रा को विधानसभा चुनाव की तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है। चुनाव के एक साल पहले यह दौरा सीएम नीतीश को महिलाओं के बीच जदयू की लोकप्रियता को परखने का अवसर देगा। माना जा रहा है कि महिलाओं के विचार और समर्थन को आधार बनाकर पार्टी अपनी आगामी रणनीतियां तैयार करेगी।  

क्या हासिल होगा?  

महिलाओं से सीधा संवाद और उनकी समस्याओं को समझने का यह प्रयास मुख्यमंत्री की छवि को एक संवेदनशील नेता के तौर पर पेश कर सकता है। वहीं, विपक्ष की आलोचनाओं के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि यह यात्रा महिलाओं के दिल जीतने में कितनी कामयाब होती है।  


Super Admin

Santosh Singh

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