- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बेलागंज विधानसभा उपचुनाव में राजद उम्मीदवार विश्वनाथ यादव की करारी हार के बाद जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव ने सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर जोरदार निशाना साधा। तिलमिलाए सुरेंद्र यादव ने न केवल प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया, बल्कि नीतीश कुमार को खुलेआम चुनौती देते हुए इस्तीफा देकर खुद चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखाने को कहा।
"20 साल की सरकार और ऐसा शर्मनाक चुनाव": सुरेंद्र यादव का प्रहार
टीवी चैनल से बात करते हुए सुरेंद्र यादव ने कहा कि बिहार में पिछले 20 साल से नीतीश कुमार की सरकार है, लेकिन ऐसा पक्षपातपूर्ण और शर्मनाक चुनाव उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। उनका आरोप है कि सरकार और प्रशासन ने मिलकर बेलागंज में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दीं।
"जहां सरकार और प्रशासन गुंडागर्दी पर उतर आए, वहां मानवता की उम्मीद करना बेकार है। यह चुनाव केवल पुलिस की ताकत और पैसों के दम पर जीता गया," सुरेंद्र यादव ने कहा।
"माई का दूध पिया है तो चुनाव लड़ लें": नीतीश को खुली चुनौती
सुरेंद्र यादव यहीं नहीं रुके। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को ललकारते हुए कहा, "अगर नीतीश कुमार में हिम्मत है, तो इस्तीफा देकर खुद चुनाव लड़ें। अगर वह जीत गए, तो मैं लोकसभा से इस्तीफा दे दूंगा।"
सुरेंद्र यादव का कहना है कि यह चुनाव नहीं, बल्कि लोकतंत्र का मजाक था। उन्होंने कहा, "फेयर चुनाव तो इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के समय होते थे। अब तो चुनाव सिर्फ गुंडागर्दी और पैसों के दम पर लड़े जाते हैं।"
प्रशांत किशोर पर भी साधा निशाना
अपने बेटे की हार के लिए सुरेंद्र यादव ने प्रशांत किशोर को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने चुनाव को राजद के खिलाफ भड़काने का काम किया। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि माई (यादव-मुस्लिम) समीकरण को कमजोर करने में प्रशांत किशोर सफल रहे।
"प्रशांत किशोर कुछ बड़ा नहीं कर सकते, लेकिन हार जरूर दिला सकते हैं। हालांकि, राजनीति में हारना नहीं, जीतना उद्देश्य होता है," उन्होंने कहा।
नीतीश कुमार पर अल्पसंख्यक बिल को लेकर सवाल
सुरेंद्र यादव ने वक्फ बोर्ड बिल को लेकर भी नीतीश कुमार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों से साफ कहें कि वह इस बिल पर कहां खड़े हैं। मेरा दावा है कि वह इस बिल को 2025 तक रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।"
"34 साल की जीत पर सवाल नहीं": बेलागंज का दावा"
सुरेंद्र यादव ने अपनी लंबे समय की जीत को लेकर कहा कि बेलागंज में अमन-चैन और शांति है। "अगर यहां घूसखोरी या चोरी होती, तो हम 34 साल तक यहां कैसे जीतते?"
बिहार की राजनीति का नया अध्याय?
सुरेंद्र यादव का तीखा बयान बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय की ओर इशारा कर रहा है। क्या यह राजद-नीतीश के बीच दूरियां बढ़ने का संकेत है, या सिर्फ हार का गुस्सा? यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात तय है—बिहार की सियासत में सर्दी का मौसम भी गर्म रहने वाला है।