- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है, और इस बार का सत्र सियासी गर्मी से भरपूर रहेगा। विपक्ष ने पहले ही मोर्चा संभाल लिया है और मुख्य मुद्दा अदाणी समूह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप हैं। साथ ही, वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भी हंगामे के पूरे आसार हैं।
अडानी विवाद पर विपक्ष का आक्रामक रुख
अडानी समूह से जुड़े रिश्वत प्रकरण ने विपक्ष को सरकार पर वार करने का बड़ा मौका दे दिया है। इंडिया ब्लॉक ने सत्र के पहले ही दिन इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि यह मामला सिर्फ व्यापार का नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक और आर्थिक अखंडता का है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस मुद्दे को "एक व्यापारिक गंतव्य के रूप में भारत की छवि" से जोड़ा है और इसे गंभीर चर्चा का विषय बताया है। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अडानी मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग रखी है।
सरकार का पलटवार और वक्फ विधेयक पर जोर
वहीं, केंद्र सरकार विपक्ष के विरोध को नजरअंदाज करते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर आगे बढ़ने की तैयारी में है। सरकार का कहना है कि इस विधेयक का मकसद पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। हालांकि, विपक्ष इसे समुदाय विशेष के खिलाफ साजिश करार दे रहा है और विधेयक पर और चर्चा की मांग कर रहा है।
पीएम मोदी का शीतकालीन सत्र पर बयान
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से कहा, "शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत रहेगा।" उन्होंने संविधान के 75वें वर्ष के जश्न की चर्चा करते हुए सभी सांसदों से स्वस्थ चर्चा की अपील की। साथ ही, उन्होंने संसद में अनुशासनहीनता करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश की जनता सब देख रही है और समय आने पर सजा भी देगी।
"हमारा संविधान, हमारा सम्मान" यात्रा
सत्र से पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई बड़े नेताओं ने "हमारा संविधान, हमारा सम्मान" पदयात्रा में हिस्सा लिया। यात्रा के जरिए संविधान के महत्व और 75 साल की उपलब्धियों को जनता के सामने लाने का प्रयास किया गया।
डिजिटल उपस्थिति और नई तकनीक
इस बार सत्र में लोकसभा सदस्य अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए डिजिटल पेन और टैब का इस्तेमाल करेंगे। यह कदम संसद को कागज रहित बनाने की दिशा में उठाया गया है। हालांकि, पारंपरिक रजिस्टर भी विकल्प के रूप में मौजूद रहेंगे।
सत्र में विपक्ष की रणनीति
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने दिल्ली प्रदूषण, मणिपुर हिंसा, महंगाई, बेरोजगारी और अदाणी मामले को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए सत्र को गर्माने की पूरी तैयारी कर ली है। कांग्रेस सांसदों की बैठक में तय किया गया कि हर महत्वपूर्ण मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा।
"एक देश, एक चुनाव" विधेयक पर सस्पेंस
हालांकि, सरकार ने इस सत्र में "एक देश, एक चुनाव" विधेयक को सूचीबद्ध नहीं किया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित यह विधेयक भविष्य की बड़ी योजनाओं का हिस्सा माना जा रहा है।
विपक्ष-सरकार की टक्कर तय
अडानी विवाद, वक्फ संशोधन विधेयक और अन्य मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी टक्कर तय है। विपक्ष ने जहां अपनी रणनीति तैयार कर ली है, वहीं सरकार विपक्ष-शासित राज्यों में अदाणी के निवेश से जुड़े आंकड़ों को सामने लाकर पलटवार की तैयारी में है।
इस शीतकालीन सत्र में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच क्या नए विधेयकों पर सार्थक चर्चा होगी, या फिर संसद हंगामे की भेंट चढ़ जाएगी? ये देखना दिलचस्प होगा।