- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार विधानसभा का पांचवें दिन का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और इस बार ये काफी एक्शन पैक्ड होने की सम्भावना है। सत्र का आगाज़ हो रहा है लेकिन इसके पहले ही राजनीतिक गलियारों में गर्मागर्मी शुरू हो चुकी है। कानून एवं व्यवस्था की गिरती स्थिति, स्मार्ट प्रीपेड मीटर की समस्याऐं, जमीन के सर्वे से परेशान किसान, जहरीली शराब से मौतें और वक्फ ( संशोधन ) बिल जैसे बड़े मुद्दे के केंद्र में रहेंगे।
29 नवंबर तक चलने वाले इस सत्र में विपक्ष ने सरकार को अटैक करने की पूरी तैयारी कर ली है। कांग्रेस और सीपीआई-एमएल जैसे विपक्ष पार्टीज भी अपने मुद्दों के साथ मैदान में उतरने को तैयार हैं। गौतम अडानी की कंपनी के आरोपों और महिलाओं के शोषण पर भी हंगामा होने की उम्मीद है।
एनडीए के लिए खुशी के पल, लेकिन विपक्ष की दिक्कत ज़्यादा
हाल ही में 4 सीट्स के उप-चुनाव एनडीए के हित में गए हैं और यह सत्तारूढ़ दल के लिए एक बड़ा सहारा है। सरकार के लिए यह एक मौका है ये दिखाने का की लोग अब भी नीतीश कुमार की नेतृत्व पर भरोसा करते हैं। लेकिन विपक्ष भी पीछे नहीं है। सीपीआई-एमएल के मेहबूब आलम ने साफ़ कर दिया है की कानून एवं व्यवस्था और वक्फ बिल जैसे मुद्दों पर वो सर्कार को घेरेंगे।
कांग्रेस ने भी अडानी ग्रुप के मुद्दे को उजागर करने की तैयारी शुरू कर दी है। ऊपर से महिलाओं पर अत्याचार और एसएचजी श्रमिकों को कम वेतन जैसे भावनात्मक मुद्दे छेड़ कर वो सरकार को कॉर्नर करने की योजना बना रहें हैं
सर्कार के जवाब और स्पीकर की अपील
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा की सरकार पुरे सत्र में उठाने वाले सवालों का संतोषजनक जवाब देगें। "हमने सभी विभागीय अधिकारीयों को समय पर जवाब तैयार करने के निर्देश दिए हैं," उन्होंने कहा। स्पीकर नन्द किशोर यादव ने भी इस सत्र के शांति से चलने अपील की है और प्रमुख शासन सचिव अमृत लाल मीना को विधायक के सवालों के समय पर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
क्या होगा सत्र का मैदान-ए-जंग ?
अब देखना यह होगा की 5 दिन का यह सत्र किस तरफ जाता है। क्या सत्तारूढ़ दल अपने उपलब्धियों को उजागर कर पायेगी या विपक्ष अपने मुद्दों से सबका ध्यान खींच लेगा ? हंगामा तो तय है बस देखना यह है की किसका मुद्दा सबसे ज्यादा वजन उठा सकता है।