- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
सीतामढ़ी जिले के परिहार अंचल की महिला अधिकारी मोनी कुमारी के साथ हुए दुर्व्यवहार ने पूरे बिहार के अंचलाधिकारियों को आक्रोशित कर दिया है। आरोप है कि परिहार थानाध्यक्ष ने न सिर्फ उनके साथ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया, बल्कि शारीरिक बल प्रयोग कर उन्हें कमरे में बंद कर दिया। इस घटना के बाद अंचलाधिकारियों ने एकजुट होकर थानों में होने वाले जनता दरबार और थाना से जुड़े सभी कामों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
क्या है पूरा मामला?
30 नवंबर 2024 को मोनी कुमारी एक जनता दरबार कार्यक्रम के तहत परिहार थाना पहुंची थीं। इसी दौरान थानाध्यक्ष से भूमि विवाद और शराब विनष्टि के मुद्दे पर बातचीत हुई। महिला अधिकारी ने बेला थाना में आयोजित जनता दरबार में जाने की बात कही, जिस पर थानाध्यक्ष भड़क गए। उन्होंने न केवल भद्दी गालियां दीं, बल्कि पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर मोनी कुमारी को एक कमरे में बंद कर दिया।
घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें महिला अधिकारी को रोते-बिलखते देखा जा सकता है।
अंचलाधिकारियों की नाराजगी
इस घटना को लेकर बिहार राजस्व सेवा संघ (बिरसा) ने इसे अंचलाधिकारियों की गरिमा और महिला सम्मान के खिलाफ बताया। संघ ने स्पष्ट किया कि जब तक आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, वे थानों से जुड़े किसी भी प्रशासनिक कार्य में भाग नहीं लेंगे।
बिरसा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र में कहा कि महिला सशक्तिकरण और कानून व्यवस्था के प्रति सरकार के उद्देश्यों को इस घटना ने गंभीर ठेस पहुंचाई है।
क्या होंगे आगे के कदम?
1. जनता दरबार का बहिष्कार: संघ ने तय किया है कि जब तक आरोपी थानाध्यक्ष पर कार्रवाई नहीं होती, अंचलाधिकारी थानों में जनता दरबार या अन्य प्रशासनिक कार्य नहीं करेंगे।
2. कार्य स्थल का परिवर्तन: भूमि विवादों की सुनवाई और समाधान अब प्रखंड या अंचल कार्यालय से ही किया जाएगा।
3. थानों से दूरी: किसी भी परिस्थिति में अंचलाधिकारी थानों में जाने से बचेंगे।
महिला अधिकारी का सम्मान सर्वोपरि
यह घटना महिला अधिकारियों की सुरक्षा और सम्मान पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अंचलाधिकारियों का कहना है कि ऐसी घटनाएं न सिर्फ उनके मनोबल को तोड़ती हैं, बल्कि कार्यक्षेत्र में असुरक्षा का माहौल भी बनाती हैं।
अब देखना यह है कि राज्य सरकार और संबंधित विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। कार्रवाई न होने की स्थिति में अंचलाधिकारियों का यह विरोध प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।
यह मामला नारी सम्मान और प्रशासनिक गरिमा की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है।