- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से आग्रह किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के कारण बंद स्कूलों के चलते कई छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में परेशानी हो रही है, क्योंकि उनके पास बुनियादी ढांचे की कमी है और दोपहर का खाना भी नहीं मिल पा रहा। हालांकि, दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण में कुछ कमी आई है और सोमवार सुबह एक्यूआई खतरनाक स्तर से अस्वस्थ स्तर तक पहुंच गया।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल थे, ने कहा कि कई बच्चों के घरों में एयर प्यूरीफायर नहीं होते, जिससे घर पर रहने और स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच कोई अंतर नहीं रह जाता। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार किया जा सकता है।
क्या होगा ग्रैप-4 के प्रतिबंधों का?
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रैप-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देने से मना कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक एक्यूआई में सुधार की स्पष्ट स्थिति नहीं दिखती, तब तक इन प्रतिबंधों में कोई छूट नहीं दी जाएगी। साथ ही, ग्रैप-3 या ग्रैप-2 के तहत किसी भी राहत को भी अस्वीकार किया गया।
राज्य सरकारों को सख्त निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को यह भी आदेश दिया कि वे उन क्षेत्रों में श्रमिक उपकर का पैसा मजदूरों की मदद के लिए इस्तेमाल करें जहां निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके अलावा, दिल्ली में ट्रकों की आवाजाही पर पाबंदी जारी है, केवल जरूरी सामान लाने वाले ट्रकों को ही अनुमति दी जा रही है।
दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई में सुधार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति में सुधार देखने को मिला है। सोमवार सुबह एक्यूआई 281 के स्तर पर दर्ज किया गया, जो कि अस्वस्थ श्रेणी में आता है। पिछले सप्ताह, एक्यूआई गंभीर स्तर पर था, लेकिन अब स्थिति बेहतर हुई है।
12वीं तक के स्कूल भी बंद किए गए थे
18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर दिल्ली-एनसीआर की राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी और ग्रेप-4 के तहत सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही, 12वीं तक के स्कूलों को बंद करने का भी आदेश दिया था।
क्या है ग्रेप?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) को 2017 में लागू किया गया था, जो दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण की गंभीरता के आधार पर उपायों की एक श्रृंखला प्रदान करता है। ग्रेप का उद्देश्य हवा की गुणवत्ता में सुधार करना और नागरिकों को सुरक्षित रखना है।