- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने शानदार जीत हासिल की है, लेकिन सीएम पद को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाई है। इस बीच, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने बिहार के राजनीतिक मॉडल को महाराष्ट्र में अपनाने की बात उठाई है। शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने सोमवार को कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, जबकि भाजपा के एमएलसी प्रवीण दारकेकर ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद का सबसे योग्य उम्मीदवार बताया है।
क्या बिहार मॉडल महाराष्ट्र में सफल होगा?
शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने एक दिलचस्प बयान दिया, जिसमें उन्होंने बिहार का उदाहरण दिया। म्हास्के का कहना है कि जैसे बिहार में भाजपा ने संख्याबल को नजरअंदाज करते हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था, वैसे ही महाराष्ट्र में भी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए। वह मानते हैं कि महायुति के वरिष्ठ नेताओं को इस मामले में अंतिम फैसला लेना चाहिए।
म्हास्के ने यह भी कहा कि जैसे हरियाणा में भाजपा ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था, वैसे ही महाराष्ट्र में भी चुनाव शिंदे, फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व में लड़ा गया। ऐसे में गठबंधन के नेतृत्व को सम्मान मिलना चाहिए।
शिंदे की बढ़ती लोकप्रियता
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने तो यह तक कह दिया कि भाजपा शिंदे का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन म्हास्के ने पलटवार करते हुए कहा कि शिंदे ने खुद को एक आम आदमी के रूप में स्थापित किया है और वह अब महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनका नाम सबसे आगे था, जो उनके बढ़ते प्रभाव को दिखाता है।
महाराष्ट्र के हित में होगा फैसला: केसरकर
महाराष्ट्र के मंत्री केसरकर ने रविवार को शिंदे से मुलाकात की और कहा कि शिवसेना विधायकों का मानना है कि शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए। उनके अनुसार, शिंदे के नेतृत्व में महायुति ने शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सीएम पद पर फैसला शिंदे, फडणवीस और अजित पवार की सहमति से लिया जाएगा, और यह फैसला पूरी तरह से महाराष्ट्र के हित में होगा।
देवेंद्र फडणवीस को मिला जनादेश: दारकेर
भाजपा नेता प्रवीण दारकेकर ने म्हास्के के बयान पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। उनका मानना है कि महाराष्ट्र की जनता ने देवेंद्र फडणवीस को जनादेश दिया है, और वह ही मुख्यमंत्री बनने के सबसे योग्य नेता हैं। दारकेकर का कहना था कि फडणवीस ने हमेशा महायुति को एकजुट रखा है और उनके पास एक मजबूत नेतृत्व की क्षमता है।
महायुति का ऐतिहासिक जीत
23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए, और महायुति ने बुरी तरह से महा विकास अघाड़ी को हराया। महायुति को 236 सीटों पर जीत मिली, जबकि महा विकास अघाड़ी को सिर्फ 48 सीटों पर संतोष करना पड़ा। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटों पर जीत हासिल की, वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटों पर कब्जा जमाया।
भाजपा का सीएम पद पर जोर
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने साफ किया कि उनकी पार्टी जल्द ही अपनी विधायकों की बैठक बुलाएगी, जिसमें सीएम पद पर चर्चा होगी। उनका कहना था, "राकांपा ने अजित पवार को अपना नेता चुना है, शिवसेना ने शिंदे को चुना, लेकिन भाजपा का स्पष्ट उद्देश्य है कि वह मुख्यमंत्री का पद चाहती है।"