Monday, December 23, 2024

बिहार न्यूज़: बिहार में फर्जी शिक्षकों पर गिरी गाज़: 16 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त, शिक्षा विभाग के इस कदम से मचा हंगामा


शिक्षा विभाग ने कसी कमर 

बिहार शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाते हुए बांका जिले के 16 फर्जी शिक्षकों की सेवाएं खत्म कर दी हैं। जांच में इन शिक्षकों पर सक्षमता परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़ा करने और काउंसलिंग प्रक्रिया से गायब रहने के गंभीर आरोप साबित हुए। शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि अब ऐसे किसी भी दोषी शिक्षक को वापस सेवा में नहीं लिया जाएगा।  

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

जांच में पता चला कि इन शिक्षकों ने फर्जी रोल नंबर का इस्तेमाल कर सक्षमता परीक्षा पास की थी। इसके बाद ये काउंसलिंग प्रक्रिया से भी नदारद रहे। ऐसे शिक्षकों ने न केवल नियमों की अनदेखी की बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी मजाक बना दिया।  

सख्त हुई नियोजन समिति  

डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव ने सभी नियोजन समितियों को निर्देश जारी कर इन फर्जी शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश दिए। प्रधानाध्यापकों को भी कहा गया कि वे शिक्षकों को जांच प्रक्रिया में शामिल करें। लेकिन आरोपी शिक्षक न केवल जांच से बचते रहे, बल्कि सुनवाई में भी उपस्थित नहीं हुए।  

फरार शिक्षकों की तलाश तेज  

शिक्षा विभाग ने बताया कि इनमें से कई शिक्षक पिछले 9-10 महीनों से स्कूल से गायब हैं। इनका वेतन पहले ही रोक दिया गया था, और अब इन्हें खोजने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। विभाग ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया है।  

फर्जी शिक्षकों की सूची 

जिन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं: 

1. स्वाति प्रिया (पीएस रीगा बांका)  

2. अमित कुमार (यूएमएस पैदापुर)  

3. अविनाश कुमार (एनपीएस चंदननगर, बांका)  

4. चंदा कुमार (पीएस महादेवपुर)  

5. दीपक कुमार (यूएमएस खजूरकोरामा)  

6. कंचन कुमारी (वृंदावन विद्यालय रजौन)  

7. मंजीत कुमार (यूएमएस दोमुहान)  

8. मीनाक्षी कुमारी (एनपीएस घोषपुर रामटोला)  

9. मुकेश कुमार सहनी (बुनियादी विद्यालय भतकुंडी)  

10. नीलम कुमारी (एनपीएस कारीकादो)  

11. नेहा कुमारी (एनपीएस मड़पा रजौन)  

12. नीतेश कुमार (एनपीएस उष्टीगोड़ा फुल्लीडुमर)  

13. पायल सिंह (यूएमएस लकड़ीकोला)  

14. प्रज्ञा पाठक (पीएस सिमराटांड चांदन)  

15. सिम्पी कुमारी (एनपीएस बलुआ यादव टोला)  

16. सुमन कुमारी (एनपीएस सिझुआ अमरपुर)  

पारदर्शिता पर जोर  

डीपीओ संजय कुमार यादव ने कहा कि यह कार्रवाई शिक्षा विभाग में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आवश्यक थी। विभाग अब यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हो सकें।  

शिक्षा में सुधार की उम्मीद 

शिक्षा विभाग का यह सख्त कदम एक महत्वपूर्ण संदेश देता है—जो भी फर्जी तरीके से सिस्टम को चकमा देने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। अब देखना है कि इस कार्रवाई के बाद शिक्षा व्यवस्था में कितना सुधार होता है।  

Super Admin

Santosh Singh

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