- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पटाखों पर बैन को ठीक से न लागु करने पर कड़ी फटकार लगायी है। कोर्ट ने कहा की पटाखों पर बैन सिर्फ नाम का लगता है और असली एक्शन काफी कमज़ोर है की उन्होंने पटाखों पर बैन को लागु करने के लिए क्या-क्या कदम उठाये हैं।
'स्पेशल सेल बनाने का निर्देश और लाइसेंस के बिना पटाखों की सेल रोकने का ऑर्डर'
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एक स्पेशल सेल बनाने का भी निर्देश दिया है जो पटाखों पर बैन को पूरी तरह से लागु करेगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है की बिना लाइसेंस के पटाखों का उत्पादन या उनकी सेल बिलकुल न हो। कोर्ट ने क्लियर कर दिया है की अब बस कच्चा माल ज़ब्त करने से नहीं चलेगा, बैन को सीरियस तरीके से लागु करना पड़ेगा।
'कोई भी धर्म प्रदुषण को समर्थन नहीं करता'
अपनी एक अहम टिपण्णी में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "यह मानते हैं की कोई बह धर्म ऐसे एक्शन को समर्थन नहीं करता जो प्रदुषण बढ़ाएं या लोगों की सेहत को नुकसान पहुचायें।" जस्टिस अभय एस ओका और अगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने यह भी कहा की अगर पटाखों का इस्तेमाल इसी तरह से होता रहा तो, ये आम नागरिकों के सेहत के हक़ को प्रभावित करेगा। यह टिपण्णी न सिर्फ कानूनी शब्दों में अहम थी बल्कि इसमें वातावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर भी एक मजबूत सन्देश था।
'25 नवंबर तक दिल्ली सर्कार को लेना होगा फैसला'
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सर्कार से कहा है की वह 25 नवंबर तक स्टेकहोल्डर्स के साथ कंसल्टेशन के बाद पटाखों पर 'स्थायी' यानी परमानेंट बैन लगाने का फैसला करें। कोर्ट का मानना है कि प्रदुषण से निपटने के लिए कंक्रीट और स्थायी कदम लेना अब ज़रूरी है। साथ ही, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी राज्यों को भी प्रदुषण नियंत्रण के पैमाने पर अपने एक्शन्स का रिपोर्ट दाखिल करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से यह साफ़ है की अब प्रदुषण और सार्वजनिक स्वास्थय पर समझौता नहीं चलेगा। कोर्ट के ऑर्डर्स को लागु करने और प्रदुषण नियंत्रण के लिए अब सख्त कदम लेने पड़ेंगे, वरना आने वाले वक़्त में दिल्ली और एनसीआर के लोगों की सेहत पर और भी बुरा असर पद सकता है।