- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
मणिपुर में एक बार फिर हिंसा ने अपना चेहरा दिखाया है। रहत शिविर से कई औरत और बच्चों के लास मिलने के बाद हिंसक घटनाओं ने ज़ोर पकड़ा है। गुस्से में भारी भीड़ ने तीन विधायकों और सीएम एन. बिरेन सिंह के दामाद के घर तक तोड़-फोड़ और आग लगा दी थी। सिर्फ यह नहीं, दो चर्चेस और तीन घर भी जलाए गए। कहा जा रहा है की इस हादसे से उग्रवादी समूह के द्वारा किये गए हैं।
"पूरे राज्य में हिंसा फैल गई"
मणिपुर में हिंसा का सिलसिला बढ़ गया है। पिछले साल मई से ही, राज्य जातीय संघर्ष का सामना कर रहा है। अब जो हाल में ही हिंसा हुई है उस ने अभी भी जनता की बेचैनी बढ़ा राखी है।
"केंद्र ने की कार्रवाई"
केंद्र सरकार ने मणिपुर के सुरक्षा स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय बैठकें की हैं। गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल भी इस समीक्षा बैठक में शामिल होंगे। केंद्र सरकार ने राज्य में 5000+ अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी भेजने का फैसला लिया है। इसके अलावा, सीआरपीएफ और बीएसएफ की अतिरिक्त 50 कंपनियों को मणिपुर भेजा जायेगा ताकि कानून एवं व्यवस्था पर नियंत्रण किया जा सके।
अधिक बलों के साथ आपातकाल की स्थिति
मणिपुर में 5000+ अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे जा रहे हैं और इसके बाद कुल 218 केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल ( सीएपीएफ ) राज्य में हाजिर हो जायेंगे। ये फैसले तब लिया गया जब हिंसा जिरिबम और नजदीकी और नजदीकी क्षेत्रों में बढ़ गया था।
हिंसा के नवीनतम प्रकोप का कारण क्या है ?
हाल ही में, राहत शिविरों में लापता महिलाओं और बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसा ने और तेज़ी पकड़ ली। भीड़ ने विधायक और सीएम के रिश्तेदार के घर में तोड़-फोड़ और आगजनी किया। मौलाना लोग भी कह रहें हैं की उग्रवादी समूह ने उनकी हत्या की है।
घर के करीब हमला: राजनेताओं के आवासों पर हमले
गुस्से से भड़ी भीड़ ने रविवार को 6 स्थानीय नेताओं के घरों में तोड़-फोड़ और आग लगायी। इनमे से 3 बीजेपी विधायक और 3 कांग्रेस और बीजेपी विधायक के घर भी शामिल हैं। कहा जा रहा है की हिंसा के वक़्त सभी राजनेताएं अपने घर पर नहीं थे।
एनपीपी ने समर्थन वापस लिया
इस हालत में, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने अपना समर्थन सीएम बिरेन सिंह की सरकार से वापस ले लिया है। एनपीपी ने साफ़ किया है की उन्होंने एनडीए से अपना समर्थन नहीं निकाला पर अगर पड़ोसी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो पार्टी अपने फैसलों पर पुनर्विचार कर सकती है।
स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों पर प्रभाव
इन सब के बीच, मणिपुर सरकार ने स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का फैसला लिया है। 19 नवंबर तक स्कूल्स और कॉलेजों में छुट्टी रहेगी और राज्य विश्वविद्यालय भी बंद रहेंगी। कर्फ़्यू भी इम्फाल के कुछ जिलों में लगाया गया है।
राज्य का राजनीतिक परिदृश्य
मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के पास 37 सीट्स हैं और एनपीपी के 7 सीट्स। एनपीपी ने पहले बिरेन सिंह को बाहरी समर्थन दिया था पर एनपीपी का समर्थन वापस करने के बावजूद, सीएम की सरकार को अभी कोई तत्काल खतरा नजर नहीं आता।