- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार में जमीन सर्वे का काम जोरों पर है। 20 अगस्त से शुरू हुए इस सर्वेक्षण को लेकर अब बड़ी खबर सामने आयी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने गृह विभाग को चिट्ठी लिखकर अवैध कब्जे वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
जमीन सर्वे में सामने आई गड़बड़ियां
सर्वे का मकसद भूस्वामियों को आसानी से उनके अधिकार दिलाना है। लेकिन इस दौरान कुछ अधिकारियों द्वारा "अवैध प्रथाएँ" जैसे रिश्वत और मिलीभगत के मामले भी सामने आ रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, कुछ अधिकारी पैसे लेकर किसी और की जमीन किसी और के नाम कर रहें हैं।
"राजस्व विभाग का सख्त रुख"
राजस्व विभाग ने साफ कर दिया है कि अब जमीन कब्जा करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने गृह विभाग को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में तुरंत आईपीसी की धारा 329 के तहत कार्रवाई की जाए।
"पुलिस को स्पष्ट निर्देश"
राजस्व विभाग ने पुलिस को सख्त हिदायत दी है कि अवैध कब्जा करने वालों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। अगर कोई हथियारों के दम पर कब्जा करता है, तो उस पर आईपीसी की धारा 126 के तहत प्राथमिकता दर्ज होगी और सुन लीजिए – गिरफ्तार होने के बाद 'जमानत' मिलना आसान नहीं होगा। ऐसे मामलों में आरोपी को तीन साल तक की सजा और बॉन्ड भरने का आदेश भी दिया जा सकता है।
"क्यों जरूरी था ये कदम?"
बिहार में जमीन विवाद के मामलें लगातार बढ़ रहे थे। दबंग और भू-माफिया कमजोर लोगों की जमीन हड़प रहें थें। पुलिस की ढिलाई के कारण पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल रहा था। इसी को रोकने के लिए सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है। अब जमीन विवाद को किसी भी अन्य गंभीर अपराध की तरह ही माना जाएगा।
"सरकार का सख्त फैसला, जनता को राहत"
इस पहल से जमीन कब्जा और विवादों में कमी आने की उम्मीद है। साथ ही, भू-मालिकों को न्याय मिल सकेगा। सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून का पालन ना करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
अब देखते हैं कि ये नया नियम कितना असर दिखाता है, लेकिन इतना तय है – दबंगों और भू-माफियाओं की अब खैर नहीं।