- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
झारखण्ड में पहले चरण की वोटिंग के लिए निर्वाचन आयोग ने चुनाव कर्मी को पोलिंग बूथ्स तक भेजने के लिए हेलीड्रोप्पिंग का फैसला लिया है। यह वोटिंग सेंटर्स 5 डिस्ट्रिक्स में होंगे - वेस्ट सिंघभूम, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और गढ़वा। इन ज़िलों में 225 पोलिंग स्टेशंस हैं, जहां एलेक्शन ऑफिसर्स को मंडे को भेजा जायेगा। मुख्य चुनावी अफ़्सर के रवि कुमार ने रविवार को इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा की पहले चरण के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
चुनाव प्रचारकों को प्रचार अवधि समाप्त होने के बाद बाहर निकलना होगा
के. रवि कुमार ने ये भी कहा की जो रजनीतिक पार्टीज के लोग, जो लोकल मतदाता नहीं हैं, चुनावी काम के लिए वहां आये हैं, उन्हें प्रचार अवधि के बाद वहां से निकल जाना होगा। अगर चुनाव अवधी के बाद वह लोग वहां नज़र आये तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उम्मीदवारों से निवेदन कि है की वह निर्वाचन आयोग के रूल्स को सख्ती से पालन करें। वोटिंग के लिए वोटर स्लिप ज़रूर लेकर जाएं। जो लोग वोटर स्लिप नहीं लेकर आये हैं, उन्हें BLO या वालंटियर्स से कांटेक्ट करके टोकन लेना होगा, ताकि उन्हें वोटिंग में कोई दिक्कत न हो। अगर वोटर आइडी कार्ड नहीं है तो 12 वैलिड पहचान दस्तावेज़ में से कोई भी दिखाके अपना वोट डाल सकते हैं।
मतदान केंद्रों के पास उम्मीदवारों के शिविर के लिए सख्त नियम
वोटिंग के दिन उम्मीदवारों के लिए भी कुछ नियम हैं। अगर उम्मीदवार पोलिंग बूथ्स के पास अपना कैंप लगाना चाहतें हैं तो, उन्हें चुनाव अधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी। कैंप को पोलिंग बूथ के 200 मीटर्स से दूर लगाना ज़रूरी है। कैंप किसी धार्मिक जगह या अतिक्रमण क्षेत्र में नहीं लगाया जा सकता।
कैंप में उम्मीदवारों से जुड़ें झंडे, बैनर्स, तस्वीरें या प्रतिक लगाना भी सख्त निषिद्ध होगा। सिर्फ एक टेबल और दो कुर्सियों की अनुमति हैं। कैंप में खाना-पीना भी मना रहेगा। वोटिंग के बाद वापस कैंप जाना भी स्वीकार नहीं होगा।
अवैध जब्ती 176 करोड़ रुपये के पार
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया की अब तक 53 केसेस पंजीकृत किये गए हैं आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित। सबसे ज़्यादा केसेस गढ़वा ज़िले में 28 हैं। राज्य में आदर्श आचार संहिता अमल में लाने के बाद से अब तक गैरकानूनी सामग्री और कैश की जो कुल जब्ती हुई है, वह 176.15 करोड़ रुपयों से ज़्यादा की हैं।
झारखण्ड के पहले चरण के लिए सभी तैयारियां हो चुकीं हैं, और चुनाव आयोग का उद्देश्य है की पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव हो, जिसमें हर वोटर अपना वोट स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से कास्ट कर सकें।