- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार के गया में एक 10वीं कक्षा के छात्र के अपहरण की खबर ने सबको हैरान कर दिया। तीन दिसंबर को छात्र के पिता ने विष्णुपद थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनका बेटा गायब है। मामला और गंभीर तब हो गया जब 1.5 लाख रुपये की फिरौती और जान से मारने की धमकी की बात सामने आई। लेकिन जब इस केस का खुलासा हुआ, तो कहानी ने एक अलग ही मोड़ ले लिया।
कैसे हुआ ‘किडनैप ?
छात्र के पिता ने पुलिस को बताया कि बेटा स्कूल से लौटने के बाद माड़नपुर के एक होटल में खाना खाने गया था। उसके बाद उसका फोन आया, जिसमें एक अनजान व्यक्ति ने 1.5 लाख रुपये की मांग की। धमकी मिली कि समय पर पैसे नहीं दिए तो बेटे को जान से मार देंगे।
गया पुलिस तुरंत एक्टिव हुई। एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर एक स्पेशल टीम बनाई गई, जिसने शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के एक मॉल से छात्र को सकुशल बरामद कर लिया।
ऑनलाइन गेम की लत की चौंकाने वाली साजिश
पूछताछ में पता चला कि अपहरण की कहानी सिर्फ एक झूठ थी। असल में, छात्र ऑनलाइन गेम खेलने का दीवाना था और गेम में हारने के बाद दोस्तों से उधार ले बैठा था। कर्ज चुकाने का दबाव इतना बढ़ गया कि उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर खुद के अपहरण की साजिश रच डाली।
कैसे हुआ खुलासा?
छात्र ने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने ही मोबाइल से घरवालों को फोन किया और फिरौती मांगी। परिजन ने 95,000 रुपये छात्र के अकाउंट में डाल दिए। पैसे आते ही छात्र ने 55,000 रुपये निकालकर अपने दोस्त को दे दिए। इसके बाद दोनों पटना चले गए।
पुलिस ने पकड़ी साजिश
छात्र की निशानदेही पर पंतनगर में छापेमारी हुई, जहां से उसके नाबालिग दोस्त को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके ठिकाने से 55,000 रुपये भी बरामद किए। दोनों नाबालिगों को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है।
नसीहत:
यह घटना दिखाती है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत और दोस्तों से कर्ज लेना कैसे बच्चों को गलत रास्ते पर ले जा सकता है। माता-पिता को चाहिए कि बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें और उन्हें सही दिशा में गाइड करें।
आपकी राय में, क्या बच्चों पर ऑनलाइन गेम्स को लेकर सख्ती होनी चाहिए? हमें कमेंट्स में जरूर बताएं!