- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
श्रीनगर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें किरण पटेल नामक ठग ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का 'अतिरिक्त सचिव' बताया और इसके बाद सीआरपीएफ सुरक्षा में श्रीनगर की वादियों में घूमते हुए रीलें बनाई। इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश होने पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने कार्रवाई शुरू की और पटेल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप लगाए।
यह मामला पिछले साल तब चर्चा में आया जब पटेल ने प्रधानमंत्री कार्यालय का उच्चाधिकारी होने का झूठा दावा किया और इस पहचान के आधार पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन से सुरक्षा कवच प्राप्त किया। सीआरपीएफ सुरक्षा में वह श्रीनगर के प्रमुख स्थानों पर घूमते हुए खुद को एक उच्च पदस्थ अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करता रहा। लेकिन जब सच सामने आया, तो यह पूरी घटना एक घोटाले के रूप में उजागर हुई।
ईडी ने इस मामले में जांच शुरू करते हुए पटेल के कई ठिकानों पर छापेमारी की और वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए। जांच से यह खुलासा हुआ कि पटेल ने पीएमओ के अतिरिक्त निदेशक के रूप में खुद को पेश किया और नकली विजिटिंग कार्ड बनवाकर लोगों से धोखाधड़ी की। इसके माध्यम से न केवल उसने सरकारी सुरक्षा प्राप्त की, बल्कि कई निजी ठेके भी हासिल किए, जिससे राज्य को भारी नुकसान हुआ।
पटेल ने केवल सरकारी संस्थाओं तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि उसने गुजरात के व्यवसायियों को कश्मीर घाटी में व्यापारिक अवसरों का झूठा वादा कर उनके साथ भी धोखाधड़ी की। ईडी के अनुसार, उसने लोगों को धोखा देने और अवैध रूप से धन अर्जित करने के लिए कई अपराध किए।
इस मामले में सीआरपीएफ द्वारा सुरक्षा प्रदान किए जाने पर भी सवाल उठे थे और विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला था। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेसवार्ता में केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया था और इस मामले को गंभीर लापरवाही करार दिया था।
ईडी ने पटेल के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 28 अक्टूबर को विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत दायर की, जिसमें उसे 27 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का नोटिस भेजा गया। इस मामले में ईडी की जांच अब भी जारी है, और आगे की कार्रवाई के लिए कई जगहों पर तलाशी अभियान भी चलाए गए हैं।
यह मामला न केवल एक ठग की करतूत को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि प्रशासनिक चूक और सुरक्षा प्रणाली में दरारों का फायदा कैसे उठाया जा सकता है। अब देखना यह है कि इस घोटाले में आगे और कौन-कौन से राज सामने आते हैं।