Monday, December 23, 2024

डिजिटल ठगी की नई साज़िश: कैसे "डिजिटल अरेस्ट" के नाम पर मासूम लोगों को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है?


भारत में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को डराते-धमकाते हैं और उनकी मेहनत की कमाई लूट लेते हैं। ऐसा ही एक खतरनाक तरीका है "डिजिटल अरेस्ट", जहां ठग सरकारी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर लोगों को फंसाते हैं। इस जाल में बुजुर्गों, पेशेवरों और यहां तक कि छात्रों को फंसाकर ठग करोड़ों रुपये उड़ा चुके हैं।  

क्या है डिजिटल अरेस्ट का खेल? 

डिजिटल अरेस्ट के तहत ठग खुद को पुलिस, ईडी, सीबीआई या किसी अन्य सरकारी संस्था का अधिकारी बताते हैं। वे वीडियो कॉल पर फर्जी सबूत दिखाकर, केस दर्ज होने या गिरफ्तार होने का डर दिखाकर पैसे वसूलते हैं। खास बात यह है कि वे लोगों को किसी से बात न करने की हिदायत देते हैं, जिससे लोग सच-झूठ का पता लगाए बिना उनके जाल में फंस जाते हैं।  

आइए, जानें ऐसे 10 सनसनीखेज केस, जो आपको सावधान रहने का सबक सिखाएंगे।  

केस 1: बुजुर्ग महिला से 3.8 करोड़ की ठगी  

मुंबई की 77 वर्षीय महिला को एक व्हाट्सएप कॉल पर ठगों ने खुद को ईडी अधिकारी बताया। उन्होंने महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए वीडियो कॉल पर पूछताछ की और भरोसा जीतने के लिए पहले ट्रांसफर किए गए 15 लाख वापस भी कर दिए। इसके बाद महिला ने ठगों के कहने पर अपने खाते से 3.8 करोड़ रुपये छह अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।  

जब ठगों ने टैक्स के नाम पर और पैसे मांगे, तब महिला को शक हुआ। अपनी बेटी को घटना बताने के बाद उन्होंने साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई।  

केस 2: शेयर मार्केट में मुनाफे का लालच, 11 करोड़ की ठगी 

मुंबई के 75 वर्षीय रिटायर्ड शिप कैप्टन को साइबर ठगों ने शेयर मार्केट में मोटे मुनाफे का झांसा दिया। शुरुआत में उनके खाते में मुनाफा दिखाया गया, लेकिन जब पैसे निकालने की कोशिश की, तो ठगों ने टैक्स के नाम पर 11 करोड़ रुपये ठग लिए।  

केस 3: डॉक्टर को 7 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 2.81 करोड़  

लखनऊ की एक डॉक्टर को ठगों ने उनके मोबाइल नंबर पर शिकायत का बहाना बनाकर फंसाया। उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग केस का डर दिखाकर 7 दिन तक वीडियो कॉल पर पूछताछ की। इस दौरान डॉक्टर ने 2.81 करोड़ रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए।  

केस 4: वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन से 7 करोड़ की ठगी  

ठगों ने वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल को स्काइप पर कॉल कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। फर्जी कोर्ट और नकली जज का सहारा लेते हुए उनसे 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए। बाद में गिरोह का पर्दाफाश हुआ, और 5 करोड़ रुपये बरामद किए गए।  

केस 5: रिटायर्ड इंजीनियर से 10.30 करोड़ की ठगी  

दिल्ली के एक 72 वर्षीय इंजीनियर को मनी लॉन्ड्रिंग और प्रतिबंधित दवाओं का आरोप लगाकर ठगों ने 10 करोड़ से ज्यादा रुपये ट्रांसफर कराए। जब ठग उनके बच्चों को फंसाने की धमकी देने लगे, तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया।  

केस 6: धमकी से छात्र ने की आत्महत्या 

छत्तीसगढ़ में एक छात्र को अश्लील वीडियो देखने और शेयर करने के झूठे आरोप में फंसाया गया। ठगों ने धमकी दी कि उसकी हरकतें सार्वजनिक कर दी जाएंगी। इस डर से छात्र ने आत्महत्या कर ली।  

केस 7: महिला इंजीनियर से 20 लाख की ठगी 

नोएडा की एक महिला इंजीनियर को ड्रग्स की तस्करी का आरोप लगाकर जेल का डर दिखाया गया। ठगों के कहने पर महिला ने तुरंत लोन लेकर 20 लाख रुपये उनके खाते में जमा कर दिए।  

केस 8: "बेटा जेल में है" कहकर 70,000 की ठगी  

मध्यप्रदेश के एक वकील को ठगों ने उनके बेटे के खिलाफ झूठा रेप केस बनाकर धमकाया। रिहाई के नाम पर 70,000 रुपये ट्रांसफर कराए।  

केस 9: महिला प्रोफेसर से 3.07 करोड़ की ठगी  

पटना की एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। ठगों ने उन्हें डराकर फिक्स डिपॉजिट तोड़ने और करोड़ों रुपये ट्रांसफर कराने पर मजबूर किया।  

केस 10: महिला डॉक्टर से पोर्न देखने का झूठा आरोप, ठगे 59 लाख 

नोएडा की डॉक्टर से ठगों ने पोर्नोग्राफी के झूठे आरोप लगाकर 59 लाख रुपये ट्रांसफर कराए।  

कैसे बचें साइबर ठगी से?

1. किसी भी अनजान कॉल या वीडियो कॉल पर जानकारी साझा न करें।  

2. सरकारी अधिकारी बनकर आए कॉल्स को तुरंत सत्यापित करें।  

3. साइबर हेल्पलाइन "1930" पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।  


Super Admin

Santosh Singh

कृपया लॉगिन पोस्ट में टिप्पणी करने के लिए!

आप यह भी पसंद कर सकते हैं