Sunday, December 22, 2024

Chaiti Chhath: नहाय-खाय से शुरू हुआ आस्था का महापर्व चैती छठ, 15 अप्रैल को सूर्य अर्ध्य के साथ होगा समापन


Chaiti Chhath 2024: आस्था का महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है। एक चैत माह में और एक कार्तिक माह में। चैत्र में नवरात्रि के साथ चैती छठ का महापर्व भी आता है। मान्यताओं के अनुसार चैती छठ के दौरान व्रत रखने से छठी माता की कृपा से संतान की आयु लंबी होती है। वहीं सूर्य देव के आशीर्वाद से जीवन में सुख- समृद्धि बनी रहती है।  नहाय खाय के साथ इस पर्व का शुरुआत होता है।

चैती छठ की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान आदि के बाद नए वस्त्र पहनती हैं और साथ ही सात्विक भोजन करती हैं। चैती छठ के दूसरे दिन खरना होता है, इसी दिन से व्रत की शुरुआत होती है जो 36 घंटों तक चलता है। इस दिन दूध-गुड़ वाली खीर और रोटी प्रसाद स्वरूप बनाई जाती है। खास बात है कि इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर ही बनाया जाता है। इसके बाद महिलाएं स्नान आदि के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य देती हैं। अंतिम दिन उगते सूर्य को जल का अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन हो जाता है। 

चैती छठ महापर्व की तिथियां

12 अप्रैल 2024, शुक्रवार: नहाय-खाय

13 अप्रैल 2024, शनिवार: खरना

14 अप्रैल 2024, रविवार: सायंकालीन अर्घ्य

15 अप्रैल 2024, सोमवार: उदयकालीन अर्घ्य व पारण

चैती छठ का महत्व 

भारत में पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में छठ पूजा को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि अब इन राज्यों के साथ ही अन्य राज्यों में भी लोग छठ पूजा के महत्व को समझ रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है। साथ ही ये व्रत संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जिन विवाहित जोड़ों को संतान प्राप्ति में दिक्कतें आ रही हैं वो छठी मैया के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति कर सकते हैं।

Super Admin

Santosh Singh

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