- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
आस्था का महापर्व चैती छठ का पहला अर्घ्य आज 14 अप्रैल को शाम को दिया जाएगा। चार दिवसीय के इस महापर्व में दूसरे दिन शानिवार 13 अप्रैल की शाम व्रतियों ने अपने-अपने घरों में खरना पूजा किया। इसके बाद 36 घंटों के निर्जला उपवास शुरू हो गया। आज शाम को डुबते सूरज को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। महापर्व में लोगों का उत्साह एवं उमंग देखने को मिल रहा है।
भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ घाट सजकर तैयार हो गए हैं। तमाम छठ घाटों पर साफ-सफाई का काम पूरा कर लिया गया है। घाटों को आकर्षण ढंग से सजाया गया है। वहीं रास्तों को खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। घाटों पर सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती भी की गई है।
छठ घाटों पर सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किया गया है। दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी के साथ सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है। सादे लिबास में भी जवानों को तैनात किया गया है। जो हर प्रकार की गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे। महिला पुलिस बल की भी तैनाती की गई है।
चार दिवसीय पर्व का आज तीसरा दिन
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को चैती छठ के नाम से जाना जाता है। चार दिवसीय पर्व का आज तीसरा दिन है। पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और दूसरे दिन होता है खरना। तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। जबकि चौथे दिन सुबह में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। साल में दो बार छठ पर्व मनाया जाता है। पहला चैत्र माह में और दूसरा कार्तिक माह में पड़ने वाला छठ। कार्तिक माह में आने वाले छठ पर्व का महत्व अधिक होता है।