- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
ग्रामीण महिलाओं के लिए "लखपति दीदी योजना" और "नमो ड्रोन दीदी योजना" जैसे पहल एक नयी क्रांति ला रहे हैं। यह योजनाएँ न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही हैं, बल्कि उन्हें नए अवसर भी दे रही हैं जो उनके जीवन को बदल रहे हैं।
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री "चन्द्रशेखर पेम्मासानी" ने लोकसभा में यह जानकारी दी की "1,15,00,274" महिलाएं "लखपति दीदी" बन चुकी हैं और सबसे ज्यादा महिलाएं "आंध्र प्रदेश ( 14,87,631 ), बिहार ( 13,47,649 ) और "वेस्ट बंगाल ( 11,81,852 ) से हैं।
राज्यवार लखपति दीदी संख्या:
- मध्य प्रदेश: 10,51,069
- महाराष्ट्र: 10,04,338
- उत्तर प्रदेश: 8,41,923
- तेलंगाना: 7,58,693
- गुजरात: 5,38,760
- ओडिशा: 5,37,350
- झारखंड: 3,51,808
- तमिलनाडु: 3,18,101
- केरल: 2,84,616
- राजस्थान: 2,70,405
- कर्नाटक: 2,36,315
- पंजाब: 31,700
-हरियाणा: 62,743
"नमो ड्रोन दीदी योजना" के तहत अब तक "503 ड्रोन" बांटे गए हैं, जिसमें:
- आंध्र प्रदेश: 97 ड्रोन
- कर्नाटक: 84 ड्रोन
- तेलंगाना: 72 ड्रोन
- मध्य प्रदेश: 34 ड्रोन
- उत्तर प्रदेश: 32 ड्रोन
- महाराष्ट्र: 30 ड्रोन
- पंजाब: 23 ड्रोन
-हरियाणा: 22 ड्रोन
"दीनदयाल अंत्योदय योजना" के बारे में, "अक्टूबर 2024" तक, "10.05 करोड़" महिलायें "90.87 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)" में शामिल हो चुकी हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है:
1. ग्रामीण गरीबी में कमी: गरीब महिलाओं को एकजुट करना और उनकी आजीविका को बेहतर बनाना।
2. आर्थिक सशक्तिकरण: उनकी आय को बढ़ाना और उन्हें गरीबी से बाहर निकालना।
"लखपति दीदी" यह पहल "डे-एनआरएलएम" के अंदर एक बड़ी सफलता है, जो ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक मजबूत बना रहा है और उनके लिए नए रास्ते
खोल रहा है।
यह पहल न सिर्फ ग्रामीण महिलाओं की ज़िन्दगी में सुधर ला रहे हैं बल्कि उन्हें आजीविका अवसर और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आगे बढ़ने का मौका भी दे रहे हैं।