- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार विधान परिषद् का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को दोपहर 12 बजे के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, नए बिल पास हुए और सदस्यों ने अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए जनता की समस्याओं को सदन में उठाया। विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने पूरे सत्र का ब्यौरा देते हुए इसे सदन के लिए एक प्रोडक्टिव और सार्थक सत्र बताया।
5 अहम बिल हुए पास
इस सत्र के दौरान 5 विधेयकों को मंजूरी दी गई। इनमें शामिल हैं:
1. बिहार माल और सेवा कर (द्वितीया संशोधन) विधायक, 2024
2. बेतिया राज की सम्पत्ति को निहित करने वाला विधायक, 2024
3. बिहार सरकार परिसर (आवंतन, किरया, वसूली और बेदखली) (संशोधन) विधायक, 2024
4. बिहार खेल विश्वविद्यालय (संशोधन) विधायक, 2024
5. बिहार विनियोग (सांख्य-4) विधायक, 2024
इन विधेयकों में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधार से जुड़े अहम मुद्दे शामिल हैं।
सवाल-जवाब और ध्यानाकर्षण
सभापति ने बताया कि इस सत्र में "64 ध्यानाकर्षण सूचनाएं" प्राप्त हुईं, जिनमें से 30 को सदन के कार्यक्रम में शामिल किया गया। 19 सूचनाओं पर सरकार ने जवाब दिया, जबकि 9 सूचनाएं प्रश्न और ध्यानाकर्षण समिति को भेजी गईं। इसके अलावा, "शून्यकाल की 43 सूचनाएं" प्राप्त हुईं, जिनमें से 35 के जरिए सरकार का ध्यान खींचा गया।
सदस्यों ने "331 तारांकित और 88 अल्पसूचित प्रश्न" नेशनल ई-विधान (नेवा) के माध्यम से पूछे। इनमें से 300 से अधिक सवालों के जवाब भी प्राप्त हुए। यह सत्र नेवा जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म की सफलता का भी प्रमाण रहा, जिससे पारदर्शिता और संवाद की प्रक्रिया को बल मिला।
निवेदन और समितियों का योगदान
सत्र में कुल "57 निवेदन सूचनाएं" प्राप्त हुईं, जिनमें से 53 को मंजूरी दी गई और संबंधित समितियों को सौंपा गया। सभापति ने कहा कि सदस्यों ने अपने संसदीय कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन किया और जनता के मुद्दों को पूरी जिम्मेदारी के साथ सदन में उठाया।
सभापति का धन्यवाद संदेश
अवधेश नारायण सिंह ने सभी सदस्यों को उनके योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कर सदन की गरिमा को बढ़ाया है। उन्होंने नेवा जैसे प्लेटफॉर्म की तारीफ करते हुए इसे संसद के डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
निष्कर्ष:
बिहार विधान परिषद का यह सत्र न केवल विधायकों की सक्रियता का गवाह बना, बल्कि डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में भी अहम योगदान दिया। 5 अहम बिलों की मंजूरी और डिजिटल संवाद की पहल इस सत्र की खासियत रहीं।