- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार का मौसम लगातार बदल रहा है। नवंबर के अंत तक मौसम काफी गतिशील हो चूका है। एक तरफ दक्षिण बिहार में धुंध है तो दूसरी तरफ उत्तरी क्षेत्रों में घनसारी कुहासा छाया हुआ है और अब चक्रवात 'फेंगल' के बनने की संभावना ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, ये तूफान अगले कुछ दिनों में बिहार के मौसम पर असर डाल सकता है।
फेंगल चक्रवात: क्या है असर का डर?
बंगाल की खाड़ी में समुद्री हलचलों के कारन 'फेंगल' चक्रवात बन रहा है। इसका सीधा असर तो ज्यादातर दक्षिण भारत पर होगा लेकिन बिहार में भी इस तूफान के कारन हवा का प्रवाह में दिक्कत आ सकती है। उत्तरपूर्वी हवाएँ रुकने के कारण रबी फसलों के विकास पर बुरा असर हो सकता है। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए अब अलग रणनीति अपनानी होंगी।
बिहार का मौसम: क्या कहता है पूर्वानुमान?
अगले कुछ दिनों में बिहार के दक्षिणी भागो में धुंध और उत्तरी भागो में कुहासा बरकरार रहेगा। दिन का तापमान 24°C-28°C और रात का 12°C-16°C के बीच रहने का अंदाजा है। बदल छाये रहेंगे और ओस की मात्रा काम हो सकती है। इसका सीधा असर फसलों की उत्पादकता पर हो सकता है।
प्रमुख शहर का तापमान अपडेट
- सबसे ज्यादा गर्मी: अररिया और जीरादेई - 28.7°C
- सबसे ज़्यादा ठंडा: डेहरी - 11.5°C
- पटना का हाल: न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस
ठण्ड बढ़ने लगी है और लोगों को अब अलाव और गरम कपड़ों का सहारा लेना होगा
बिहार का वायु प्रदुषण: एक्यूआई स्तरों पर खतरे की घंटी बज रही है
जैसे जैसे ठण्ड बढ़ रही है वैसे वैसे बिहार की हवा खराब होती जा रही है। समस्तीपुर, भागलपुर और हाजीपुर जैसे शहरों में प्रदुषण काफी ज्यादा हो गया है। हाजीपुर का एक्यूआई 347 तक जो बहुत ही खतरनाक है।
शहर का एक्यूआई स्नैपशॉट:
- समस्तीपुर: 309 AQI
- भागलपुर: 329 एक्यूआई
- हाजीपुर: 347 एक्यूआई (सबसे खराब)
- पटना: 237 एक्यूआई
- मुजफ्फरपुर: 286 एक्यूआई
- बिहारशरीफ और सहरसा: 284 एक्यूआई
यह प्रदुषण न सिर्फ सांस लेने में दिक्कत करेगा बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी काफी नुकसानदेह हो सकता है।
क्या करना चाहिए ?
- किसानों को अपनी फसलों पर ध्यान देना होगा और जरुरत पड़ने पर उन्हें ठण्ड और अत्यधिक नमी से बचाने के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे।
- प्रदुषण के खिलाफ लोग मास्क का इस्तेमाल और अनावश्यक बाहरी गतिविधियाँ को नजरअंदाज करें।
- स्वास्थ्य और वातावरण का ध्यान रखना अब हर एक की ज़िम्मेदारी बन चुकी है।