- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन गुरुवार को काफी गरमागरम रहा। सदन में पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच तीखी बहसें होती रहीं। लेकिन इस सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा में रहे भूमि और राजस्व विभाग के मंत्री **दिलीप जायसवाल**, जो अपने सख्त और बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं।
सीओ को मिली कड़ी चेतावनी:
एएमआईएमआई विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए दिलीप जायसवाल ने साफ तौर पर कहा कि सभी अंचलाधिकारी (CO) जल्द ही अपनी कार्यशैली सुधार लें, वरना सरकार उन्हें सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, "मुझे राजस्व मंत्री बनने में थोड़ा वक्त जरूर लगा, लेकिन अब मेरी नजर से कोई नहीं बचेगा।"
उन्होंने यह भी बताया कि "139 अंचलाधिकारियों का वेतन लापरवाही के कारण रोक दिया गया है।" उन्होंने कहा, "सरकार लगातार जनता की शिकायतों पर कार्रवाई कर रही है, और अब किसी भी गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
जमीन के जमाबंदी पर सख्त कार्रवाई:
जमाबंदी में गड़बड़ी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, "एक महीने के अंदर दोषियों को सजा मिलेगी। जनता को चिंता करने की जरूरत नहीं है।"
भूमि सर्वे पर बड़ा ऐलान:
मंत्री दिलीप जायसवाल ने भूमि सर्वे को लेकर बड़ी राहत की बात कही। उन्होंने वादा किया कि बिहार के लोगों को सर्वे प्रक्रिया में परेशान नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए सरकार "भूमि सर्वेक्षण के नियमों में बदलाव** करने जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मुद्दे पर **कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।"
क्या है संदेश?
दिलीप जायसवाल का यह बयान साफ दिखाता है कि सरकार जमीन और राजस्व से जुड़े मामलों में सुधार के लिए सख्त कदम उठा रही है। चाहे यह सीओ की लापरवाही हो या सर्वे में गड़बड़ी, सरकार अब किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं है।
आगे के दिनों में देखना होगा कि मंत्री के ये तेवर जमीनी स्तर पर कितना असर दिखाते हैं। क्या वाकई सीओ की लापरवाहियां रुकेंगी और जनता को राहत मिलेगी? फिलहाल, सदन में मंत्री के इस विकराल अंदाज ने हर किसी का ध्यान खींच लिया है।