- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं परीक्षा से पहले छात्र संगठनों और प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों ने विरोध का एक बड़ा मोर्चा खोला। शुक्रवार को बड़ी संख्या में छात्र पटना की सड़कों पर उतर आए और नॉर्मलाइजेशन लागू न करने तथा एक परीक्षा, एक प्रश्नपत्र की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान हंगामे के बीच पुलिस को भी लाठीचार्ज करना पड़ा।
क्या है नॉर्मलाइजेशन और क्यों है यह मुद्दा?
नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब एक से ज्यादा शिफ्टों में परीक्षा आयोजित की जाती है। इसके जरिए परीक्षा में मिले अंकों को सामान्य किया जाता है, ताकि अलग-अलग शिफ्टों में बैठने वाले अभ्यर्थियों के अंकों की तुलना समान रूप से की जा सके। इस प्रक्रिया को लेकर छात्रों का आरोप था कि बीपीएससी ने बिना किसी पूर्व जानकारी के नॉर्मलाइजेशन लागू करने की योजना बनाई थी, जिससे उन्हें डर था कि उनके प्रदर्शन पर असर पड़ेगा।
छात्रों का गुस्सा और बीपीएससी का इनकार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्र नेता दिलीप और शिक्षकों के साथ कई छात्र सड़क पर उतर आए थे। उनका कहना था कि बीपीएससी के चेयरमैन को इस मसले पर जनता के सामने आकर स्पष्टता देनी चाहिए। छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन के बिना एक समान प्रश्नपत्र होना चाहिए, ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिल सके।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो साल पहले ही यह स्पष्ट किया था कि बिहार की सिविल सेवा परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन या परसेंटाइल सिस्टम लागू नहीं होगा। बावजूद इसके, छात्रों का गुस्सा थमता हुआ नहीं दिख रहा है और उन्होंने धमकी दी है कि यदि बीपीएससी अपना निर्णय नहीं बदलता है, तो उनका विरोध जारी रहेगा।
छात्रों ने क्या कहा?
इस प्रदर्शन में शामिल प्रतियोगी परीक्षा के शिक्षक, जैसे कि खान सर और रहमान सर ने भी छात्रों का समर्थन किया। खान सर ने बीपीएससी के अध्यक्ष से मांग की कि वह सामने आकर यह स्पष्ट करें कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा। वहीं, छात्र नेता दिलीप ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की और कहा कि यह लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ा है।
बीपीएससी की सफाई
हालांकि बीपीएससी ने एक दिन पहले ही साफ कर दिया था कि इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा, लेकिन छात्रों का गुस्सा फिलहाल शांत नहीं हुआ है। छात्र सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जता रहे हैं और सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
परीक्षा की तारीख
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं परीक्षा 13 दिसंबर को राज्यभर के 925 सेंटर्स पर आयोजित होगी। इस परीक्षा में लगभग 4 लाख 80 हजार उम्मीदवार शामिल होंगे।
इस बड़े विरोध प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि बिहार के छात्र बीपीएससी से एक समान और पारदर्शी प्रक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं। अब देखना यह है कि बीपीएससी और राज्य सरकार इस विवाद को कैसे सुलझाती है और छात्रों की नाराजगी को शांत करने के लिए क्या कदम उठाती है।