- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने बड़ी चालाकी से मंत्री के बेटे की फोटो को व्हाट्सएप डीपी में लगाकर रितेश को झांसे में लिया और "ज़रूरी मीटिंग" का बहाना बनाकर मोटी रकम हड़प ली। अब इस मामले की जांच में पुलिस की दो टीमें जुट गई हैं, जबकि क्राइम ब्रांच भी सक्रिय हो गई है।
दरअसल, ठगों ने बड़ी चालाकी से एक नया व्हाट्सएप नंबर बनाया और उसकी प्रोफाइल फोटो में मंत्री के बेटे की तस्वीर लगाई। फिर उसी नंबर से रितेश को संदेश भेजकर कहा, "मैं एक ज़रूरी मीटिंग में हूं और ये मेरा नया नंबर है। मुझे तुरंत रुपये की आवश्यकता है।" ठगों ने तीन बैंक खातों के नंबर भेजते हुए उसमें तुरंत रुपये भेजने की मांग की। अपने मालिक के बेटे की मदद के लिए रितेश ने बिना देर किए तीन बार में कुल 2.08 करोड़ रुपये उन खातों में ट्रांसफर कर दिए।
हालांकि, बाद में जब रितेश ने इस मामले की जानकारी अपने स्तर पर ली तो उसे एहसास हुआ कि यह एक ठगी का मामला है। घबराए रितेश ने तुरंत इस घटना की जानकारी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता को दी, और फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस विभाग में हलचल मच गई और इसे साइबर थाने में दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। दो साइबर टीमें और क्राइम ब्रांच इस मामले की तहकीकात में जुट गई हैं।
पुलिस ने उन बैंक खातों की जानकारी हासिल करनी शुरू कर दी है, जिनमें रुपये ट्रांसफर किए गए थे। संबंधित बैंक अधिकारियों को खातों की डिटेल्स देने के लिए पत्र भेजा गया है और खातों को फ्रीज करने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, जांच में साइबर अपराधियों के बारे में कुछ सुराग भी मिले हैं, लेकिन इस मामले में कोई भी अधिकारी खुलकर बयान देने को तैयार नहीं है।
पुलिस की पूरी कोशिश है कि इस जालसाजी के आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और ठगी की गई रकम वापस लाई जा सके। इस घटना ने न केवल प्रशासन को सतर्क किया है बल्कि आम जनता को भी जागरूक होने का संदेश दिया है कि साइबर अपराधी किस प्रकार से फर्जी पहचान का उपयोग कर बड़ी ठगी को अंजाम देते हैं।